
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। बुधवार देर रात दिल्ली से लौटे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान ने पटना पहुंचते ही 22 उम्मीदवारों को पार्टी का चुनावी सिंबल (हाथ का निशान) सौंप दिया। इस पूरी प्रक्रिया को बेहद गोपनीय रखा गया और देर रात तक उम्मीदवारों को बुलाकर सिंबल वितरण का सिलसिला जारी रहा। बताया जा रहा है कि इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की दो दिन चली मैराथन बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से अंतिम मंजूरी ली गई थी।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने इस बार जिन 22 उम्मीदवारों को सिंबल दिया है उसमें से 9 भूमिहार नेताओं को जगह दी है। पार्टी ने जिस तरह से ‘अगड़ा वोट बैंक’ पर ध्यान केंद्रित किया है, उसे महागठबंधन में कांग्रेस की नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि राजद के “MY से A to Z” फार्मूले की तरह कांग्रेस भी सामाजिक समीकरण बदलने की राह पर चल पड़ी है।
सिंबल वितरण के तुरंत बाद कांग्रेस नेताओं ने तेजस्वी यादव से उनके पटना आवास पर मुलाकात की। बैठक में महागठबंधन की सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति बनाने की कोशिश की गई। राजद, कांग्रेस और वामदलों के वरिष्ठ नेताओं की यह बैठक रात नौ बजे के बाद शुरू हुई और आधी रात तक चली। सूत्रों के अनुसार, बछवाड़ा सीट को लेकर कांग्रेस और वाम दलों के बीच तनातनी भी हुई, लेकिन अंततः मामला सुलझा लिया गया। संकेत हैं कि महागठबंधन का सीट बंटवारा आज औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है।
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