क्या है चुनाव आयोग का साइलेंस पीरियड? सख्त गाइडलाइन के उल्लंघन पर 2 साल की जेल

Published : Oct 26, 2025, 05:54 PM IST
Chief Election Commissioner India Salary

सार

बिहार चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने 48 घंटे के साइलेंस पीरियड की घोषणा की है। इस दौरान प्रचार, रैली, और ओपिनियन/एग्जिट पोल पर रोक है। नियम तोड़ने पर 2 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान से पहले, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सभी राजनीतिक दलों और मीडिया हाउसेस के लिए 'साइलेंस पीरियड' (Silence Period) को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस 48 घंटे की चुप्पी के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई होगी, जिसमें दो साल तक की कैद और जुर्माना दोनों शामिल हैं। यह गाइडलाइन बिहार चुनाव के दोनों चरणों (6 नवंबर और 11 नवंबर) में लागू होगी।

साइलेंस पीरियड में क्या है प्रतिबंधित (क्या न करें)?

चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1)(b) के तहत निम्नलिखित गतिविधियों को साइलेंस पीरियड के दौरान प्रतिबंधित किया है…

  • प्रत्यक्ष चुनाव प्रचार: किसी भी चुनावी क्षेत्र में सार्वजनिक सभाएं, रैलियां, रोड शो या जुलूस निकालना पूर्णतः प्रतिबंधित है।
  • मीडिया द्वारा प्रचार: टेलीविजन, रेडियो, केबल नेटवर्क या किसी भी अन्य माध्यम से चुनावी सामग्री का प्रदर्शन वर्जित है।
  • अपील या विचार: चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में पैनलिस्टों या प्रतिभागियों द्वारा ऐसे विचारों या अपीलों का प्रसारण नहीं किया जा सकता, जिसे किसी विशेष पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने वाला माना जाए।
  • ओपिनियन पोल: इस 48 घंटे की अवधि में किसी भी प्रकार के ओपिनियन पोल (Opinion Poll) का प्रदर्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
  • लाउडस्पीकर का उपयोग: प्रचार के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग वर्जित है।
  • सोशल मीडिया/डिजिटल माध्यम: हालांकि आयोग ने सोशल मीडिया का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है, लेकिन धारा 126 की भावना के अनुसार, डिजिटल माध्यमों पर भी ऐसा कोई प्रचार सामग्री साझा नहीं की जा सकती जो सीधे तौर पर मतदान को प्रभावित करती हो।

एग्जिट पोल पर प्रतिबंध की अवधि

आयोग ने स्पष्ट किया है कि एग्जिट पोल का प्रदर्शन केवल दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद ही किया जा सकता है।

  • प्रतिबंध की अवधि: 6 नवंबर 2025 (गुरुवार) को सुबह 7:00 बजे से लेकर 11 नवंबर 2025 (मंगलवार) को शाम 6:30 बजे तक।
  • कारण: चूंकि बिहार चुनाव दो चरणों में है, इसलिए पहले चरण के मतदान के बाद एग्जिट पोल जारी करने से दूसरे चरण के मतदाताओं पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए अंतिम मतदान समाप्त होने तक पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा।

क्यों जरूरी है साइलेंस पीरियड?

साइलेंस पीरियड का मुख्य उद्देश्य मतदाता को बिना किसी बाहरी दबाव या प्रचार के शोर के, शांति और एकाग्रता के साथ अपने उम्मीदवार का चयन करने का समय देना है। यह अवधि मतदाताओं को उम्मीदवारों और पार्टियों के पिछले वादों तथा कार्यों पर चिंतन करने का मौका देती है।

उल्लंघन पर कठोर दंड

आयोग ने साफ किया है कि धारा 126 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति को सख्त दंड दिया जाएगा। उल्लंघन करने वालों को दो वर्ष तक की कारावास (जेल), जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। उप निदेशक पी. पवन द्वारा जारी प्रेस नोट में सभी मीडिया हाउसेस को इन निर्देशों का पालन 'इसकी भावना के अनुरूप' करने की सलाह दी गई है, जिससे चुनावी माहौल में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

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