
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान से पहले, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सभी राजनीतिक दलों और मीडिया हाउसेस के लिए 'साइलेंस पीरियड' (Silence Period) को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी की है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस 48 घंटे की चुप्पी के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई होगी, जिसमें दो साल तक की कैद और जुर्माना दोनों शामिल हैं। यह गाइडलाइन बिहार चुनाव के दोनों चरणों (6 नवंबर और 11 नवंबर) में लागू होगी।
चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1)(b) के तहत निम्नलिखित गतिविधियों को साइलेंस पीरियड के दौरान प्रतिबंधित किया है…
आयोग ने स्पष्ट किया है कि एग्जिट पोल का प्रदर्शन केवल दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद ही किया जा सकता है।
साइलेंस पीरियड का मुख्य उद्देश्य मतदाता को बिना किसी बाहरी दबाव या प्रचार के शोर के, शांति और एकाग्रता के साथ अपने उम्मीदवार का चयन करने का समय देना है। यह अवधि मतदाताओं को उम्मीदवारों और पार्टियों के पिछले वादों तथा कार्यों पर चिंतन करने का मौका देती है।
आयोग ने साफ किया है कि धारा 126 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति को सख्त दंड दिया जाएगा। उल्लंघन करने वालों को दो वर्ष तक की कारावास (जेल), जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। उप निदेशक पी. पवन द्वारा जारी प्रेस नोट में सभी मीडिया हाउसेस को इन निर्देशों का पालन 'इसकी भावना के अनुरूप' करने की सलाह दी गई है, जिससे चुनावी माहौल में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।
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