सरकार पर जमकर बरसे गोपाल, कहा-नीतीश गंगा में खड़े होकर कहेंगे...शराबबंदी पर पुनर्विचार की मांग

भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर नी​तीश सरकार पर जमकर बरसे। शराबबंदी पर पुनर्विचार की मांग करते हुए सीएम नीतीश से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या वह गंगा में खड़े होकर कहेंगे कि उनका मद्य निषेध कार्यक्रम सफल हुआ.

Contributor Asianet | Published : Feb 3, 2023 12:50 PM IST / Updated: Feb 03 2023, 06:26 PM IST

पटना। भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर नी​तीश सरकार पर जमकर बरसे। शराबबंदी पर पुनर्विचार की मांग करते हुए सीएम नीतीश से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या वह गंगा में खड़े होकर कहेंगे कि उनका मद्य निषेध कार्यक्रम सफल हुआ। कानून व्यवस्था की समस्या और उद्योग धंधों की बदहाली पर भी सरकार को जमकर कोसा, तो जाति-जनगणना के नाम पर जातियों को जातियों से लड़ाने की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले धंधे को बैन कर दिया

पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले धंधे को मद्य निषेध के नाम पर बैन कर दिया गया। प्रदेश में रेवेन्यू प्रमुख तौर पर दो-तीन जगहों से आता है। एक तो उद्योग धंधे बिहार में नहीं है, दूसरे सरकार प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करे, जो सभी प्रदेश कर रहे हैं। हमारे यहां पत्थर उद्योग बंद कर दिए गए। ढाई हजार करोड़ का रेवेन्यू खत्म हो गया। प्रोजक्ट देरी से चल रहे हैं, क्योंकि पत्थर नहीं मिल रहा है।

उनकी इसी नीति के लिए चलते बढीं घटनाएं

गोपाल नारायण ने कहा कि पिछले महीनों ​राज्य में जितनी घटनाएं और मौतें हुई हैं। वह उनकी इसी नीति के चलते हुआ है। प्रदेश में अराजक स्थिति बनी। ला एंड आर्डर की समस्या भी बढ गई। जिसके चलते बिहार की पूरी परिस्थिति अस्त-व्यस्त चल रही है। लेकिन सिर्फ एक व्यक्ति और उसका कुनबा बिहार में आज भी अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए गली-गली घूम रहा है।

समाज को आपस में लड़ाकर पाना चाहते हैं कुर्सी

जातीय जनगणना का जिक्र करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि बिहार के विकास और आर्थिक उन्नति के बेसिक सवालों को नजरअंदाज कर नीतीश कुमार ने जाति-पाति की राजनीति शुरु कर दिया। समाज को आपस में लड़ाकर कुर्सी वापस चाहते हैं।

नीतीश कुमार से किए ये सवाल

उन्होंने नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि बताएं कि उन्होंने इतने वर्षों में बिहार से अपने रिसोर्सेज से कितना राजस्व जेनरेट किया है। मनरेगा का इस्तेमाल श्रम उद्योग में हो रहा है या नहीं हो रहा है। मनरेगा जिस मकसद के लिए बनाया गया था, क्या वह उस पर काम करवा रहे हैं। वह पैसे का सदुपयोग कर रहे हैं या नही उस पर जवाब दें।

Share this article
click me!