
Gobindpur Assembly Election 2025: गोबिन्दपुर विधानसभा चुनाव 2025 में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की बिनीता मेहता जीत गई हैं। उन्हें 72581 वोट मिले। बिनीता मेहता ने 22906 वोटों से राष्ट्रीय जनता दल की पूर्णिमा यादव को हराया। पूर्णिमा यादव को 49675 वोट मिले। गोबिन्दपुर विधानसभा, नवादा जिले की अहम सीट, हमेशा से सियासी उलटफेर की गवाह रही है। यहां कभी जदयू, कभी कांग्रेस तो कभी राजद जीत दर्ज करती रही है।
2020 के विधानसभा चुनाव में राजद (RJD) के मोहम्मद कामरान ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उन्हें कुल 79,557 वोट मिले जबकि जदयू (JD(U)) की पुर्णिमा यादव को 46,483 वोट ही मिल पाए। मोहम्मद कामरान ने 33,074 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। यह जीत राजद के लिए बड़ी कामयाबी रही। 12वीं पास कामरान पर कोई आपराधिक मुकदमा नहीं है। उनकी कुल संपत्ति 5.69 करोड़ रुपए हैं और उन पर लायबिलिटी शून्य है।
2015 में इस सीट पर कांग्रेस (INC) की पुर्णिमा यादव ने जीत दर्ज की। उन्होंने 43,016 वोट हासिल किए और भाजपा (BJP) की फूला देवी को 38,617 वोट पर रोक दिया। यहां कांग्रेस ने भाजपा को 4,399 वोटों से हराया था।
2010 के चुनाव में जदयू (JD(U)) के कौशल यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की। उन्हें 45,589 वोट मिले, जबकि लोजपा (LJP) प्रत्याशी प्रो. केसी प्रसाद को 24,702 वोट मिले। कौशल यादव ने 20,887 वोटों से जीत दर्ज कर जदयू का दबदबा बनाया।
गोबिन्दपुर विधानसभा की खासियत यह है कि यहां कोई भी दल लगातार सत्ता में नहीं रहता।
खास बात: यानी यहां हर चुनाव में जनता ने अलग दल को मौका दिया है। यह ट्रेंड बताता है कि मतदाता सिर्फ जातीय समीकरण नहीं, बल्कि प्रत्याशी की छवि और विकास कार्यों को भी अहमियत देते हैं।
2020 में राजद के मोहम्मद कामरान ने जदयू प्रत्याशी को करीब 33 हजार वोटों से हराया था। इतनी बड़ी जीत के बाद उनका दबदबा मजबूत हुआ। लेकिन सवाल यह है कि क्या वे 2025 में भी वही जादू दोहरा पाएंगे? या जनता फिर किसी नए दल पर भरोसा जताएगी?
Gobindpur Assembly Election 2025 में जदयू और भाजपा मिलकर राजद को कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेंगे। जदयू का यहां पुराना वोटबैंक रहा है, जबकि भाजपा भी इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बना रही है। अगर दोनों दलों का समीकरण सही बैठा, तो नतीजे हैरान कर सकते हैं।
2015 में कांग्रेस ने यहां जीत हासिल कर सबको चौंकाया था। हालांकि 2020 में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा। यहां का इतिहास बताता है कि जनता कभी भी एक ही दल को लगातार मौका नहीं देती।
बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।