झारखंड राजद में चुनाव बना विवाद का अखाड़ा, संजय सिंह यादव निर्विरोध अध्यक्ष

Published : Jun 15, 2025, 11:35 PM ISTUpdated : Jun 15, 2025, 11:42 PM IST
tejashwi yadav

सार

Jharkhand news: झारखंड राजद में अध्यक्ष पद के लिए संजय सिंह यादव निर्विरोध चुने गए। दो अन्य प्रत्याशियों के नामांकन रद्द होने पर हंगामा हुआ और मामला हाईकमान तक पहुंचने की बात कही गई।

Jharkhand RJD State President Election: झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर चल रहे घमासान के बीच संजय सिंह यादव एक बार फिर निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं। रविवार 15 जून को अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे दो अन्य प्रत्याशियों अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन पत्र जांच के दौरान रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद संजय सिंह यादव मैदान में अकेले प्रत्याशी रह गए थे। यह चुनाव सत्र 2025 से 2028 तक के लिए कराया गया है, जिसके चलते उनका कार्यकाल अगले तीन साल का होगा।

पार्टी ने निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की

राजद के प्रदेश चुनाव पदाधिकारी गिरधारी यादव और सहायक चुनाव पदाधिकारी कलामुद्दीन खान के हस्ताक्षर से रविवार देर शाम एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इस विज्ञप्ति में संजय सिंह यादव के निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की आधिकारिक घोषणा की गई। संजय सिंह यादव पिछले साल राजद के टिकट पर पलामू जिले के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उनकी जीत पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ को दर्शाती है।

क्यों रद्द हुए दो प्रत्याशियों के नामांकन पत्र?

पार्टी के प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर पार्टी की राज्य परिषद के किसी सदस्य का हस्ताक्षर नहीं था। पार्टी नियम के अनुसार नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर राज्य परिषद के कम से कम एक सदस्य का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। इस तकनीकी कमी के कारण उनका नामांकन अवैध घोषित कर दिया गया। वहीं, संजय सिंह यादव के नामांकन पत्र पर राज्य परिषद के 10 सदस्यों ने प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके कारण उनका नामांकन वैध पाया गया।

रद्द नामांकन पत्र पर हंगामा

रविवार दोपहर जब अभय सिंह और उनके समर्थकों को उनके नामांकन पत्र रद्द होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने कड़ा विरोध दर्ज कराया और पार्टी कार्यालय में हंगामा करने लगे। सदाकत हुसैन अंसारी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके नामांकन पत्र को गलत तरीके से रद्द किया गया है। दोनों नेता लंबे समय से पार्टी में सक्रिय हैं। अभय सिंह पूर्व में प्रदेश राजद अध्यक्ष रह चुके हैं, तो सदाकत हुसैन अंसारी भी पार्टी की प्रदेश इकाई में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

हाईकमान तक पहुंचेगी शिकायत

दोनों नेताओं ने निर्वाचन पदाधिकारी पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि पार्टी की राज्य परिषद के लिए कोई चुनाव नहीं हुआ था, तो फिर नामांकन पत्र में प्रस्तावक के तौर पर राज्य परिषद सदस्य का हस्ताक्षर किसके द्वारा लिया गया होगा? अभय सिंह और सदाकत हुसैन अंसारी दोनों ने साफ कर दिया है कि वे इस मामले की शिकायत पार्टी हाईकमान तक पहुंचाएंगे। इस घटना ने एक बार फिर झारखंड राजद में अंदरूनी कलह और गुटबाजी को सामने ला दिया है, और देखना यह है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस विवाद को कैसे सुलझाता है।

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