
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर घमासान शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बड़ा और साफ-साफ ऐलान कर दिया है कि यदि एनडीए में उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो वह अकेले चुनाव मैदान में उतरेंगे और 100 सीटों पर ताल ठोकेंगे। उनके इस बयान ने गठबंधन की रणनीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है और एनडीए में बेचैनी बढ़ा दी है। उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से ठीक एक दिन पहले आया है।
रविवार को बोधगया में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य इस बार हर हाल में मान्यता प्राप्त दल बनना है। इसके लिए कम से कम आठ सीटों पर जीत और कुल मतों का छह प्रतिशत हासिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “अगर हमें 15 से 20 सीट नहीं दी गई तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे और जनता के भरोसे चुनाव में उतरेंगे।” मांझी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र में 10 से 15 हजार वोटरों के साथ मजबूती से खड़ी है।
मांझी ने कहा, “हम पैसा नहीं, जनता का भरोसा लेकर चुनाव लड़ते हैं। दूसरी पार्टियां भीड़ जुटाने के लिए पैसे खर्च करती हैं, लेकिन हम बिना खर्चे भी लोगों को साथ ला सकते हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि दस साल से पार्टी ‘अनरजिस्टर्ड’ बनी हुई है, जो उनके लिए अपमानजनक है। “अब यह चुनाव हमारे लिए करो या मरो की स्थिति है। हमें मान्यता चाहिए और इसके लिए सीटों में उचित हिस्सेदारी जरूरी है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब एनडीए में सीट शेयरिंग पर चर्चा तेज है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले राजनीतिक समीकरणों पर नजरें टिकी हुई हैं। जानकारों का मानना है कि मांझी का यह ऐलान एनडीए में दरार पैदा कर सकता है। उनकी पार्टी की सामाजिक पकड़ और वोट बैंक को लेकर किए गए दावों ने गठबंधन में हिस्सेदारी की मांग को और मजबूत कर दिया है। अब यह देखना होगा कि एनडीए उनकी मांगों को कितना तवज्जो देता है।
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