
पटनाः बिहार में लोकआस्था के महापर्व छठ की शुरुआत के साथ ही राजनीतिक बयानबाज़ी भी अपने चरम पर पहुंच गई है। जहां एक ओर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में घाटों की सफाई और व्रतियों की तैयारियों का माहौल है, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय पर तीखा प्रहार किया है। लालू यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दावा किया गया “12,000 विशेष ट्रेनों” का ऐलान पूरी तरह से भ्रामक और झूठा साबित हुआ है।
लालू प्रसाद यादव ने लिखा कि प्रधानमंत्री ने झूठा प्रचार करते हुए कहा था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12,000 ट्रेनें छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जाएंगी, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार फिर बोले झूठ। 20 वर्षों की एनडीए सरकार बिहारियों को छठ पर भी सम्मानजनक यात्रा की सुविधा नहीं दे सकी।”
पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि बिहार से बाहर काम करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटने के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशनों पर भीड़, टिकटों की कमी और ट्रेनों की लेट-लतीफी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
लालू यादव ने अपने बयान में कहा कि छठ जैसे पवित्र पर्व पर भी बिहारवासियों को अमानवीय परिस्थितियों में सफर करना पड़ रहा है। उन्होंने लिखा, “डबल इंजन की सरकार बिहार के लोगों को सुविधाजनक यात्रा की गारंटी तक नहीं दे सकी। भीड़भाड़, ओवरलोडेड ट्रेनों और अनियमित संचालन ने प्रवासियों के सामने संकट खड़ा कर दिया है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार के दौरान बिहार में रोजगार सृजन पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण आज भी करोड़ों लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
लालू यादव ने आगे कहा कि बीस वर्षों से बिहार में एनडीए सरकार होने के बावजूद राज्य में एक भी बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि “सरकार केवल जुमलों और विज्ञापनों में व्यस्त है, जमीनी स्तर पर विकास की कोई ठोस पहल नहीं की गई। अगर बिहार में उद्योग लगाए गए होते, तो आज प्रवासी मजदूरों को अपने ही प्रदेश में रोजगार मिलता और छठ जैसे अवसर पर उन्हें घर लौटने के लिए रेल टिकट के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता।”
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने हाल ही में घोषणा की थी कि दशहरा, दीपावली और छठ जैसे त्योहारी सीज़न में यात्रियों की सुविधा के लिए 12,000 से अधिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा। रेलवे का कहना था कि इससे ट्रेनों में दबाव कम होगा और प्रवासी अपने घर आसानी से पहुंच सकेंगे। हालांकि, विपक्षी दलों का दावा है कि ज़मीनी स्तर पर स्थिति इसके विपरीत है। आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि रेलवे का ऐलान केवल एक “राजनीतिक प्रचार” था और बिहार लौटने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अपने निर्णायक चरण में हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। ऐसे में लालू यादव का यह बयान न केवल सामाजिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि छठ बिहार की सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा पर्व है, और इस पर बयानबाज़ी जनता की भावनाओं को सीधे प्रभावित करती है। लालू यादव ने छठ के अवसर पर केंद्र सरकार की आलोचना कर स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि भाजपा बिहार की जनता की संवेदनाओं से “कट चुकी” है।
बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।