सरकारी, संविदाकर्मी-आउटसोर्सिंग कर्मचारी...महागठबंधन के संकल्प पत्र में तीनों के लिए Good News

Published : Oct 28, 2025, 07:29 PM IST
mahagatbandhan manifesto

सार

बिहार चुनाव 2025 हेतु महागठबंधन ने 'तेजस्वी प्रण पत्र' जारी किया है। इसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) और गृह जिले में तैनाती का वादा है। संविदाकर्मियों को चरणबद्ध स्थायीकरण और आउटसोर्सिंग खत्म करने का भी संकल्प लिया गया है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA (महागठबंधन) द्वारा जारी 'तेजस्वी प्रण पत्र' ने सरकारी कर्मचारियों, संविदाकर्मियों और आउटसोर्सिंग पर कार्यरत लोगों के लिए बड़े वादों की झड़ी लगा दी है। इन वादों को महागठबंधन ने अपने 25 संकल्पों में प्रमुखता से शामिल किया है, जो इस बड़े वर्ग को सीधा प्रभावित कर सकते हैं। तेजस्वी यादव ने घोषणापत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य केवल रोज़गार सृजन नहीं, बल्कि कर्मचारियों के जीवन और कार्य की परिस्थितियों को बेहतर बनाना भी है।

बिहार के सरकारी कर्मचारियों के लिए 2 बड़े तोहफे

सरकारी नौकरीपेशा वर्ग को साधने के लिए महागठबंधन ने दो ऐतिहासिक घोषणाएं की हैं। 

  1. पुरानी पेंशन योजना (OPS) की वापसी: संकल्प पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सरकार बनने के तुरंत बाद पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू किया जाएगा। यह केंद्र और राज्य के सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग रही है।
  2. गृह जिला में तैनाती: शिक्षकों, स्वास्थ्यकर्मियों सहित अन्य सेवाओं के कर्मियों के लिए एक सुसंगत नीति बनाई जाएगी, जिसके तहत उनका स्थानांतरण एवं तैनाती उनके गृह जिले के 70 किलोमीटर के दायरे में सुनिश्चित की जाएगी। इससे उन्हें कार्यस्थल के पास रहने में सुविधा मिलेगी।

बिहार के संविदा एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थायीकरण

संविदा और अस्थाई कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी राहत की घोषणा की गई है, जो उन्हें लंबे समय से मिल रहे अस्थिर वेतन और असुरक्षित नौकरियों से मुक्ति दिला सकती है। 

  1. चरणबद्ध स्थायीकरण: सभी संविदाकर्मियों और आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से स्थायी किया जाएगा।
  2. सरकारी कर्मचारी का दर्जा: सभी शिक्षा-मित्रों, टोला सेवकों, तालीमी मरकज़ और विकास-मित्रों की सेवाओं को नियमित कर उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की पहल की जाएगी।
  3. आउटसोर्सिंग प्रणाली समाप्त: संकल्प पत्र में यह वादा किया गया है कि आउटसोर्सिंग प्रणाली को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो सके।
  4. जीविका दीदियों का वेतन 30,000 रुपये: जीविका कैडर की सभी दीदियों (CM) को स्थायी कर उनका वेतन ₹30,000 प्रतिमाह निर्धारित किया जाएगा। साथ ही उनके ऋण पर ब्याज माफ किया जाएगा और दो वर्षों तक बिना ब्याज का ऋण प्रदान किया जाएगा।

बिहार के वित्त रहित कॉलेजों के लिए न्याय

शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। राज्य के सभी वित्त रहित संबद्ध महाविद्यालयों को "वित्त सहित महाविद्यालय" की मान्यता दी जाएगी। इसके तहत, प्राध्यापकों एवं अन्य कर्मियों को सरकारी वित्त सहित महाविद्यालयों के समान वेतन और भत्ता प्रदान किया जाएगा।

महागठबंधन का यह विस्तृत एजेंडा दर्शाता है कि वह चुनाव में केवल बेरोज़गारी नहीं, बल्कि पहले से कार्यरत कर्मचारियों की कार्य दशा और उनकी दीर्घकालिक सुरक्षा को भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना चाहता है।

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