
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA (महागठबंधन) द्वारा जारी 'तेजस्वी प्रण पत्र' ने सरकारी कर्मचारियों, संविदाकर्मियों और आउटसोर्सिंग पर कार्यरत लोगों के लिए बड़े वादों की झड़ी लगा दी है। इन वादों को महागठबंधन ने अपने 25 संकल्पों में प्रमुखता से शामिल किया है, जो इस बड़े वर्ग को सीधा प्रभावित कर सकते हैं। तेजस्वी यादव ने घोषणापत्र जारी करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य केवल रोज़गार सृजन नहीं, बल्कि कर्मचारियों के जीवन और कार्य की परिस्थितियों को बेहतर बनाना भी है।
सरकारी नौकरीपेशा वर्ग को साधने के लिए महागठबंधन ने दो ऐतिहासिक घोषणाएं की हैं।
संविदा और अस्थाई कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी राहत की घोषणा की गई है, जो उन्हें लंबे समय से मिल रहे अस्थिर वेतन और असुरक्षित नौकरियों से मुक्ति दिला सकती है।
शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। राज्य के सभी वित्त रहित संबद्ध महाविद्यालयों को "वित्त सहित महाविद्यालय" की मान्यता दी जाएगी। इसके तहत, प्राध्यापकों एवं अन्य कर्मियों को सरकारी वित्त सहित महाविद्यालयों के समान वेतन और भत्ता प्रदान किया जाएगा।
महागठबंधन का यह विस्तृत एजेंडा दर्शाता है कि वह चुनाव में केवल बेरोज़गारी नहीं, बल्कि पहले से कार्यरत कर्मचारियों की कार्य दशा और उनकी दीर्घकालिक सुरक्षा को भी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना चाहता है।
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