
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हो गई। लेकिन नामांकन की आखिरी तारीख बीतने के बाद भी महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वामदल और VIP) के भीतर सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन सकी। जिसके परिणाम स्वरोप पहले ही चरण में महागठबंधन के आठ उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए हैं। राजनीतिक गलियारों में अब यही चर्चा है कि “क्या महागठबंधन अपने ही फैसलों से अपनी हार का रास्ता तैयार कर रहा है?”
पहले चरण में कुल 8 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए हैं। इनमें 5 सीटें RJD और कांग्रेस के बीच टकराव वाली हैं, जबकि 3 सीटों पर कांग्रेस और वामदल (CPI-CPIML) के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। इन 8 सीटों में लालगंज, वैशाली, तारापुर, कहलगांव, बेगूसराय (बछवाड़ा), राजापाकड़, गौरा बौराम और रोसड़ा शामिल हैं।
लालगंज सीट महागठबंधन के भीतर सबसे दिलचस्प मुकाबले में बदल गई है। RJD ने यहां बाहुबली पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने उसी सीट से आदित्य कुमार राजा को प्रत्याशी बनाया है। राबड़ी देवी से सिंबल लेने के बाद नामांकन दाखिल करते वक्त शिवानी शुक्ला के साथ उनकी मां अन्नु शुक्ला भी मौजूद रहीं। नामांकन के बाद अन्नु शुक्ला भावुक हो उठीं और कहा “लालगंज की जनता अब बेटी को आशीर्वाद देगी।”
VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने पहले दरभंगा की गौरा बौराम सीट से खुद चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। लेकिन नामांकन से पहले उन्होंने अचानक फैसला पलटते हुए कहा, “मुझे राज्यसभा नहीं जाना है, मैं डिप्टी सीएम बनना चाहता हूं।” उन्होंने खुद चुनाव से किनारा कर अपने भाई संतोष सहनी को उम्मीदवार बना दिया।इसी सीट पर RJD ने अफजल अली को टिकट दिया है। यानी गठबंधन के दो उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ हैं।
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