मोहिउद्दीननगर सीट: BJP से राजेश कुमार सिंह की हुई जीत

Published : Oct 26, 2025, 01:09 PM IST
Mohiuddinagar Assembly constituency

सार

समस्तीपुर ज़िले की इस संवेदनशील सीट पर 2025 के मोहिउद्दीननगर विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार राजेश कुमार ने जीत हासिल की। ​​कड़े मुकाबले के बावजूद, मतदाताओं ने उन पर भरोसा जताया और कमल के फूल को वोट दिया। 

Mohiuddin Nagar Assembly Election 2025: मोहिउद्दीननगर विधानसभा सीट समस्तीपुर जिले में आती है और बिहार विधानसभा में क्रमांक 137 पर है। यह सीट राजनीतिक दृष्टि से काफी संवेदनशील मानी जाती है। यहां बीजेपी प्रत्याशी राजेश कुमार ने अपनी जीत हासिल कर कमल खिलाया है।

2010, 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव का विश्लेषण

मोहिउद्दीननगर विधानसभा चुनाव 2010 

  • विनिंग कैंडिडेट: राणा गंगेश्वर सिंह (BJP)
  • वोट: 51,756
  • निकटतम प्रतिद्वंद्वी: अजय कुमार बुलगानिन (RJD) – 37,405 वोट
  • वोट अंतर: 14,351 वोट

नोट: बीजेपी ने इस चुनाव में यादव बहुल इलाके में भी अपना प्रभाव दिखाया।

मोहिउद्दीननगर विधानसभा चुनाव 2015 

  • विनिंग कैंडिडेट: एज्या यादव (RJD)
  • वोट: 47,137
  • निकटतम प्रतिद्वंद्वी: राजेश कुमार सिंह (IND) – 23,706 वोट
  • वोट अंतर: 23,431 वोट

नोट: RJD ने इस बार निर्दलीय उम्मीदवार को मात दी और सीट पर अपना कब्जा मजबूत किया।

मोहिउद्दीननगर विधानसभा चुनाव 2020  

  • विनिंग कैंडिडेट: राजेश कुमार सिंह (BJP)
  • वोट: 70,385
  • निकटतम प्रतिद्वंद्वी: एज्या यादव (RJD) – 55,271 वोट
  • वोट अंतर: 15,114 वोट

नोट: बीजेपी ने यादव और मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ बनाते हुए जीत दर्ज की।

राजेश कुमार सिंह: विनिंग कैंडिडेट की जानकारी

राजेश कुमार सिंह के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है। इसलिए इन्हें मिस्टर क्लीन कहा जाता है। इनकी कुल संपत्ति 3.52 करोड़ रुपए है। स्नातक तक पढ़ाई करने वाले राजेश कुमार सिंह पर 35 लाख की देनदारी भी बकाया है। 2020 में राजेश कुमार सिंह ने महागठबंधन के एज्या यादव को 15,114 वोटों के अंतर से हराया। राजेश कुमार सिंह की जीत में बीजेपी ने यादव-बहुल इलाकों में भी अपनी पकड़ मजबूत की।

मोहिउद्दीननगर विधानसभा: राजनीतिक दृष्टि

यह सीट लंबे समय से RJD का गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन 2010 और 2020 में बीजेपी ने जीत हासिल कर चुनौती दी। पिछले 15 वर्षों में इस सीट पर RJD और BJP के बीच लगातार जीत-हार का सिलसिला रहा है। 2010 में BJP ने जीत दर्ज की, 2015 में RJD ने पलट दिया, और 2020 में राजेश कुमार सिंह ने BJP के लिए फिर से जीत दिलाई। यहां की आबादी में यादव और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पिछले चुनावों में उम्मीदवारों के बीच वोट अंतर इस बात को दर्शाता है कि स्थानीय मुद्दे, जातीय समीकरण और पार्टी की पहचान चुनाव में निर्णायक होती हैं। आगामी 2025 चुनाव में यह सीट एक बार फिर महागठबंधन बनाम बीजेपी की लड़ाई का केंद्र बनेगी।

जातीय समीकरण और चुनावी रणनीति

यादव और मुस्लिम वोटर्स का निर्णायक योगदान इस सीट पर हमेशा अहम रहा है। BJP ने यादव बहुल क्षेत्रों में भी अपनी पैठ बनाने के प्रयास किए हैं। RJD परंपरागत वोट बैंक के दम पर मुकाबला करती है। भविष्य के चुनाव में उम्मीदवारों की जातीय पहचान, महिला वोटर और स्थानीय विकास मुद्दे निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

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