सत्ता, सिस्टम और साजिश के बीच मरी एक बेटी – जानें मुजफ्फरपुर रेप केस की 10 खौफनाक प्वाइंट

Published : Jun 03, 2025, 08:54 AM IST
  Dalit girl rape

सार

मुजफ्फरपुर, बिहार में 9 वर्षीय दलित बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या ने देश को झकझोर दिया है। मेडिकल लापरवाही, प्रशासनिक विफलता, NHRC और NCW की कार्रवाई, और तेजस्वी यादव व राहुल गांधी जैसे नेताओं की प्रतिक्रिया सहित जानिए इस मामले की 12 अहम बातें।

Muzaffarpur rape case: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक 9 वर्षीय दलित लड़की की क्रूर बलात्कार के बाद मौत ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। चिकित्सा लापरवाही और प्रशासनिक विफलता के आरोपों के सामने आने के बाद, इस मामले के बारे में 10 बातें जानने लायक हैं, जिसके कारण NHRC, NCW और राष्ट्रीय नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा है।

1. मुजफ्फरपुर में 9 साल की बच्ची पर क्रूर हमला

26 मई को नाबालिग लड़की को कथित तौर पर उसकी चाची के घर के पास चॉकलेट का लालच दिया गया और उसे मक्का के खेत में ले जाया गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया गया और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उसे गर्दन और अंदरूनी हिस्से में बहुत चोट आई।

2. प्रारंभिक उपचार के बाद पटना कर दिया गया रेफर 

उन्हें पहले मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में भर्ती कराया गया था। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें 30 मई को पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) रेफर कर दिया गया था।

3. PMCH में घंटों तक एंबुलेंस में छोड़ा गया

उसके चाचा के अनुसार, बच्ची को भर्ती करने से पहले पीएमसीएच के बाहर एम्बुलेंस के अंदर 2-3 घंटे तक इंतजार कराया गया। उसकी गंभीर हालत के बावजूद उचित देखभाल में कथित तौर पर देरी की गई तथा परिवार का दावा है क उनके हंगामा करने के बाद ही उसे भर्ती किया गया। 

 

 

4. लापरवाही और अधिक दवा देने के आरोप

परिवार ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने बच्ची को रात भर बेहोशी की दवा दी और अगली सुबह उसकी मौत हो गई। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें सरकारी अस्पताल में 25,000 रुपये खर्च करने पड़े।

5. NHRC ने नोटिस जारी कर इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया तथा इस घटना को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताया। सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

6. NCW तत्काल कार्रवाई की मांग की, 'प्रणालीगत विफलता' का हवाला

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए अस्पताल अधिकारियों और पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की और इलाज में देरी को "घोर लापरवाही" बताया। 7. राजद के तेजस्वी यादव ने निष्क्रियता के लिए सरकार की आलोचना की राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर न्याय की जगह चुनाव को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मामले को स्वीकार तक नहीं किया है तथा बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को "आपराधिक अव्यवस्था" बताया।

8. राहुल गांधी ने 'डबल इंजन' सरकार को ठहराया दोषी 

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि समय पर चिकित्सा सुविधा मिलने से लड़की की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने एनडीए की लापरवाही को दोषी ठहराया और परिवार को न्याय मिलने तक लड़ने की कसम खाई।

 

 

9. चार लाख रुपए का मुआवजा और फास्ट-ट्रैक सुनवाई का वादा

बिहार के मंत्री केदार गुप्ता ने 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की, 10 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने का वादा किया और कहा कि सरकार दो महीने के भीतर आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग करेगी।

10. बार-बार अपराध कर रहा अभियुक्त

एनएचआरसी द्वारा उद्धृत मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इसी आरोपी ने पहले भी एक 12 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार किया था और उसे मारने की कोशिश की थी। कार्रवाई में देरी पुलिसिंग और रोकथाम तंत्र पर सवाल उठाती है।

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