
Nawada News in Hindi: नवादा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां जमीन विवाद की आग में जल रहे एक परिवार ने खौफनाक कदम उठा लिया। आर्थिक तंगी और पारिवारिक कलह से टूट चुके एक शख्स ने अपनी पत्नी और मासूम बेटे के साथ जहर खा लिया। स्थानीय लोगों ने समय रहते तीनों को अस्पताल पहुंचाया, जिससे उनकी जान बच गई। परिवार द्वारा किया गया यह आत्मघाती प्रयास न सिर्फ जमीन विवाद की जटिलता को उजागर करता है, बल्कि सिस्टम पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। आखिर कब तक लोग अपनी पुश्तैनी जमीन के लिए जहर पीते रहेंगे?
दरअसल, बिहार के नवादा में एक परिवार ने जमीन विवाद से परेशान होकर जहर खा लिया। मिली जानकारी के अनुसार वारिसलीगंज उत्तरी बाजार निवासी अभय कुमार ने अपनी पत्नी सुचिता भदानी और 9 वर्षीय बेटे अंशुल कुमार के साथ यह कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों की मदद से तीनों को सीएचसी में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार तीनों अब खतरे से बाहर हैं।
आपको बता दें कि मामला उत्तरी बाजार स्थित एक सरकारी जमीन से जुड़ा है। यह जमीन खाता संख्या 1706, खसरा संख्या 3232 की करीब तीन डिसमिल जमीन है। इस पर अभय कुमार और उनके परिवार ने कई सालों से कब्जा कर रखा है। वे यहां मकान बनाकर रह रहे हैं। इस बारे में अभय कुमार ने बताया कि पिछले आठ सालों से उनके चाचा पुतुर ने उनके हिस्से की जमीन पर कब्जा कर रखा है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि पारिवारिक बंटवारे में उन्हें यह जमीन मिली थी। उनकी सारी कमाई जमीन को कब्जा मुक्त कराने की लड़ाई में खर्च हो रही है। इस कारण वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। वारिसलीगंज थाने में अंचलाधिकारी के नेतृत्व में जनसुनवाई हुई। अभय ने वहां अधिकारियों से मदद मांगी, लेकिन अधिकारियों ने जमीन सरकारी होने का हवाला देकर मदद करने से इनकार कर दिया। राजस्व पदाधिकारी रामजी प्रसाद ने कहा कि भाइयों के बीच सरकारी जमीन को लेकर विवाद अनुचित है।
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