बिहार चुनाव 2025: नीतीश-शाह की मुलाकात से बदले समीकरण! सीट बंटवारे पर NDA में अंदरखाने डील फाइनल

Published : Sep 21, 2025, 11:32 AM IST
amit shah- nitish kumar

सार

बिहार चुनाव 2025 के लिए NDA में सीट बंटवारे पर हलचल तेज है। अमित शाह-नीतीश कुमार की बैठक में BJP-JDU के बीच सहमति बन गई है। नवरात्र में औपचारिक घोषणा हो सकती है, लेकिन अन्य सहयोगियों के साथ बातचीत अभी बाकी है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और इसी बीच सीट बंटवारे को लेकर एनडीए खेमे में हलचल तेज हो गई है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में बड़ा संदेश दे दिया है। कहा जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद बीजेपी और जदयू के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अंदरखाने सहमति बन चुकी है।

मीटिंग में कौन-कौन थे मौजूद

पटना में हुई इस मीटिंग में न सिर्फ भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे, बल्कि नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी संजय झा और विजय चौधरी भी शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात का मुख्य एजेंडा आगामी चुनाव ही था। चर्चा का बड़ा हिस्सा सीट बंटवारे पर अंतिम रूप देने पर केंद्रित रहा।

नवरात्र पर होगा ‘शुभ एलान’?

सूत्रों की मानें तो सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान नवरात्र के दौरान किया जा सकता है। 22 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र को NDA एक शुभ अवसर मान रहा है। इसके जरिए गठबंधन जनता तक एकजुटता और सकारात्मक संदेश पहुँचाना चाहता है। दिलचस्प बात यह भी है कि इसी समय से जीएसटी की नई दरों का लाभ आम लोगों को मिलने लगेगा, जिसे NDA अपने चुनावी नैरेटिव का हिस्सा बना सकता है।

बाकी सहयोगियों को मनाना बाकी

बीजेपी और जदयू के बीच सहमति बनने के बाद अब अगली चुनौती है अन्य सहयोगियों को साधने की। चिराग पासवान की लोजपा (रा), जीतनराम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की RLSP (RLM) सीट बंटवारे में अपनी-अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इन पार्टियों के साथ भी जल्द बातचीत होगी और फाइनल फॉर्मूला तैयार किया जाएगा।

चुनाव आयोग का ऐलान कब?

चुनाव आयोग कभी भी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। माना जा रहा है कि दुर्गा पूजा के बाद घोषणा होगी और छठ पूजा के बाद मतदान कराया जाएगा। यानी अक्टूबर-नवंबर में बिहार की राजनीति अपने चरम पर होगी।

2020 का अनुभव, 2025 की रणनीति

गौरतलब है कि 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू की स्थिति कमजोर रही थी और बीजेपी बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। लेकिन नीतीश कुमार के NDA में लौटने से समीकरण बदल गए हैं। बीजेपी इस बार INDIA गठबंधन की चुनौती को कमजोर करने के लिए हर हाल में मजबूत गठबंधन पेश करना चाहती है। वहीं नीतीश कुमार भी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें मिलें ताकि उनकी सियासी पकड़ कायम रहे।

क्या सब खुश होंगे?

अब बड़ा सवाल यही है कि NDA के छोटे सहयोगी जैसे चिराग, मांझी और कुशवाहा, क्या सहमति से मान जाएंगे या फिर आखिरी वक्त में नई पेचीदगी खड़ी करेंगे? फिलहाल इतना तय है कि नीतीश-शाह की मुलाकात ने चुनावी खेल को नया मोड़ दे दिया है और बिहार की राजनीति में सस्पेंस का नया पन्ना खुल गया है।

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