कौन हैं बिहार NEET पेपर लीक घोटाले का मास्टरमाइंड सिकंदर यादवेंदु? जानें हर जरूरी बात

दानापुर नगरपालिका समिति के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेन्दु को NEET प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तार किया गया है।

sourav kumar | Published : Jun 23, 2024 3:26 AM IST / Updated: Jun 23 2024, 09:21 AM IST

NEET 2024 paper leak Row: दानापुर नगरपालिका समिति के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेन्दु को NEET प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तार किया गया है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की अध्यक्षता में जांच ने यादवेंदु को NEET प्रश्न पत्रों के अवैध प्रसार में मुख्य संदिग्ध के रूप में शामिल किया है। उन्हें पहले 3 करोड़ रुपये के LED घोटाले में कानूनी नतीजों का सामना करना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पहली बार सलाखों के पीछे जाना पड़ा था।

बता दें कि इन दिनों बिहार में NEET पेपर लीक मामले में बहुत बड़ा बवाल मचा हुआ है। इसकी शोर राजनीतिक महकमे तक सुनाई दी रही है। इसमें अभी तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कल ही देवघर से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन सब में एक शख्स को मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसका नाम सिकंदर पी यादवेंदु है। ये कोई मामूली शख्स नहीं है। इसकी पहुंच ऊंचे स्तर के लोगों के साथ है। ऐसा माना जाता है कि ये वहीं शख्स है, जो रांची के जेल में लालू प्रसाद यादव की सेवा में लगा रहने वाला व्यक्ति था। 

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हालांकि, इसका इतिहास भी इसके चरित्र की तरह अजीबो-गरीब है। 56 वर्षीय सिकंदर पी यादवेंदु का संबंध एक किसान परिवार से है। वो 2012 तक पहले एक छोटे ठेकेदार की तरह काम करता था। वो 15 सालों तक ठेकेदार का काम करता रहा। यादवेंदु ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है।

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LED घोटाले से जुड़े विवाद में फंस चुके हैं

यादवेंदु ने 1980 के दशक में दसवीं कक्षा पूरी करने के बाद रांची में अपनी शैक्षिक यात्रा शुरू की। उनके पास समस्तीपुर में 4.96 एकड़ जमीन है। उनके जिंदगी सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब उन्होंने 2012 में बिहार में एनडीए के शासन के दौरान जल संसाधन विभाग में जूनियर इंजीनियर का पद हासिल किया। इसके बाद 2016 में यादवेंदु रोहतास नगर परिषद में 2.92 करोड़ रुपये के LED घोटाले से जुड़े विवाद में फंस गए। उस वक्त उनके पास अतिरिक्त प्रभार था। हालांकि, मामले में गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर रिहा हो गए और उनका करियर कायम रहा।

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