
पटना हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी से जुड़े विवादित एआई वीडियो को लेकर सख्त फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को निर्देश दिया है कि वे वीडियो को तुरंत हटाएं, क्योंकि यह भ्रामक, आपत्तिजनक और प्रधानमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है। साथ ही अदालत ने कहा कि भविष्य में ऐसी सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सतर्कता बरती जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएँ। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बजंतरी की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक एआई-जनरेटेड वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में दिखाया गया कि पीएम मोदी सो रहे हैं और उनकी माँ हीराबेन मोदी उन्हें राजनीति पर कटाक्ष करते हुए डांट रही हैं। वीडियो में कहा गया कि “तुमने मुझे नोटबंदी की लाइन में खड़ा किया और अब मेरे नाम पर राजनीति कर रहे हो।” यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया और भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस के इशारे पर चल रही साजिश बताया।
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का उद्देश्य प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुँचाना और चुनाव से पहले भ्रम फैलाना है। भाजपा नेताओं ने इसे “देशद्रोही मानसिकता” करार दिया। वहीं कांग्रेस ने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं और वीडियो की जांच कराई जाएगी।
मामला कोर्ट तक पहुँचा तो कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बजंतरी की अदालत ने कहा कि ऐसी सामग्री न केवल भ्रामक है बल्कि लोकतंत्र की मर्यादा को भी चोट पहुँचाती है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि वीडियो बनाने और फैलाने वालों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि भविष्य में बिना सत्यापन के ऐसी सामग्री साझा न हो।
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