
पटनाः जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार की सियासत में एक बार फिर भूचाल ला दिया। उन्होंने सीधे तौर पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए। पीके ने कहा कि सम्राट चौधरी 6 लोगों की हत्या के अभियुक्त हैं। उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार से अपील की कि ऐसे व्यक्ति को तुरंत पद से हटाकर गिरफ्तार किया जाए। पीके ने याद दिलाया कि तारापुर केस नंबर 44/1995 में सम्राट चौधरी संलिप्त थे। नाबालिग होने के कारण जेल से बाहर आए, लेकिन अब वे संविधानिक पद पर बैठना संविधान का अपमान है।
प्रशांत किशोर ने कहा, “तारापुर हत्याकांड में संलिप्त व्यक्ति अगर उपमुख्यमंत्री के पद पर बैठा हुआ है तो यह पूरे लोकतंत्र और संविधान के लिए बड़ा खतरा है। हम राज्यपाल के पास जाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो कोर्ट का दरवाजा खोलेंगे।”
प्रशांत किशोर ने जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी और उनकी बेटी शांभवी चौधरी की संपत्ति पर भी सवाल उठाए। पीके ने दावा किया कि शांभवी की शादी के बाद न्यास बोर्ड के माध्यम से 100 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी गई। साथ ही वैभव विकास ट्रस्ट के तहत पिछले एक साल में 100 करोड़ की संपत्ति कैसे खरीदी गई, यह भी जांच का विषय होना चाहिए।
पीके ने चेतावनी दी, “अगर अशोक चौधरी 7 दिन के भीतर नोटिस वापस नहीं लेते, तो मैं उनके 500 करोड़ की संपत्ति का खुलासा करूंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दिनों अशोक चौधरी ने 20 हजार करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट में 0.5 प्रतिशत कमीशन लिया। पीके ने साफ किया कि ये खुलासे जनता की जानकारी के लिए हैं और किसी राजनीतिक रंजिश के तहत नहीं हैं।
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर 1995 के तारापुर हत्याकांड का हवाला देते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोर्ट में दस्तावेज मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सम्राट ने चुनावी फॉर्म में अपनी उम्र छुपाई और फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिसके आधार पर उन्हें जेल से बाहर निकाला गया।
पीके ने राज्यपाल और केंद्र सरकार से अपील की कि उन्हें तुरंत पद से हटाया जाए और गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा, “सम्राट चौधरी छह हत्या मामलों में संलिप्त हैं। उनके सीएम पद पर बैठने से लोकतंत्र और संविधान दोनों का अपमान हो रहा है। हम मोदी जी को भी पत्र लिखेंगे कि किस प्रकार ऐसे व्यक्ति को सत्ता में रहने दिया गया।”
प्रशांत किशोर ने RJD और कांग्रेस पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि ये दोनों दल जानबूझकर चुप हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। पीके ने तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि RJD और कांग्रेस के नेता “जाने हुए चोर” हैं। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव अगर सूची बनाएंगे, तो पहले अपने मामा और माता-पिता का नाम लिखना होगा। हमें इस पर बोलने की जरूरत नहीं, क्योंकि जनता जानती है कि ये लोग भ्रष्ट हैं।”
प्रशांत किशोर ने अंत में जनसुराज पार्टी की फंडिंग को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल में उन्होंने अपनी फीस से 241 करोड़ रुपए कमाए, जिस पर 30.95 करोड़ जीएसटी और 20 लाख रुपए इनकम टैक्स का भुगतान किया। पीके ने कहा, “हमारा मकसद बिहार में सुधार और जवाबदेही लाना है। जब तक राज्य में सुधार नहीं होगा, हम अपने खुलासे जारी रखेंगे। जनता को पूरी सच्चाई बताना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। हमारी फंडिंग पूरी तरह कानूनी और पारदर्शी है। हम भविष्य में भी हर वित्तीय जानकारी जनता के सामने लाएंगे।”
प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि नव युवा कंस्ट्रक्शन से लिए गए 11 करोड़ रुपये सलाहकार फीस के रूप में थे और इसमें कोई ग़लत पैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि CBI और ED जांच कर सकते हैं, लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की संलिप्तता नहीं है।
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