देव सूर्य मंदिर पहुंचे राहुल-तेजस्वी, पूजा के पीछे छिपा है क्या सियासी संकेत?

Published : Aug 18, 2025, 01:05 PM IST
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सार

Rahul Gandhi Tejashwi Yadav Temple Visit: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने औरंगाबाद के देव स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर में पूजा की। इस दौरान वोटर अधिकार यात्रा की चर्चा और दोनों दलों के गठबंधन को लेकर सियासी संदेश साफ दिखा।

Rahul-Tejashwi Surya Mandir Visit: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस और राजद के नेताओं ने रविवार और सोमवार को एक अलग ही अंदाज़ में चुनावी यात्रा की शुरुआत की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव न सिर्फ़ सासाराम से "वोटर अधिकार यात्रा" का शुभारंभ करते दिखे, बल्कि उन्होंने औरंगाबाद ज़िले के देव स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर में पूजा-अर्चना कर बिहार की तरक्की की मंगलकामना भी की।

देव का सूर्य मंदिर आखिर इतना खास क्यों माना जाता है?

तेजस्वी यादव और राहुल गांधी का मंदिर जाना केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा नहीं था, बल्कि इसमें राजनीतिक संदेश भी छिपा है। तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि सूर्य मंदिर में दर्शन कर उन्होंने बिहार की प्रगति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। यह संदेश आम जनता तक पहुँचाने की कोशिश है कि वे परंपरा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।

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तेजस्वी यादव ने इस प्राचीन सूर्य मंदिर की एक विशेषता पर भी प्रकाश डाला। आमतौर पर सूर्य मंदिर पूर्व दिशा की ओर होते हैं, लेकिन देव का यह मंदिर पश्चिमाभिमुख है। यही कारण है कि यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है। मंदिर प्रशासन की ओर से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का सम्मान भी किया गया और उन्हें मंदिर की तस्वीर भेंट की गई।

राहुल गांधी का स्वागत किस अंदाज़ में हुआ?

सूर्य मंदिर पहुंचने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया। भारी संख्या में कांग्रेस और राजद के समर्थक वहां मौजूद थे। इस मौके पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी दोनों नेताओं के साथ दिखाई दिए। पूजा-अर्चना और परिक्रमा के बाद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का काफिला रफीगंज की ओर रवाना हो गया।

विपक्ष का यह कदम चुनावी रणनीति है या आस्था का संदेश?

यह सवाल अब चर्चा का विषय है कि बिहार की राजनीति में मंदिर दर्शन सिर्फ़ आस्था का विषय है या इसके पीछे चुनावी रणनीति भी छिपी है। कांग्रेस और राजद की इस साझा मौजूदगी को लोग गठबंधन की मजबूती और जनता से सीधे जुड़ाव की कोशिश के रूप में भी देख रहे हैं।

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