
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर सबको चौंका दिया है। इस सूची ने न सिर्फ यह साफ कर दिया कि AIMIM अब केवल सीमांचल की पार्टी नहीं रही, बल्कि पूर्वी चंपारण की ढाका सीट से एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जिसने 'पंथनिरपेक्षता' की सियासी परिभाषा ही बदल दी है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं ढाका सीट से AIMIM उम्मीदवार राणा रंजीत सिंह की, जिन्होंने नामांकन दाखिल करते समय जो नज़ारा पेश किया, वह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
ढाका विधानसभा सीट को दशकों से भाजपा के पूर्व मंत्री रणधीर सिंह के परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। इसी गढ़ में सेंध लगाने के लिए AIMIM ने राणा रंजीत सिंह पर दाँव लगाया है, जिनका ताल्लुक भी इसी राजनीतिक परिवार से है। राणा रंजीत के पिता सीताराम भी सांसद रह चुके हैं, यानी राणा रंजीत सिंह एक मजबूत राजनीतिक विरासत लेकर मैदान में उतरे हैं। लेकिन राणा रंजीत केवल अपनी पारिवारिक विरासत के कारण सुर्खियों में नहीं हैं, बल्कि उनके नामांकन के दिन के अंदाज़ ने उन्हें रातों-रात चर्चा का केंद्र बना दिया।
नामांकन के दौरान राणा रंजीत सिंह एक साथ तीन विपरीत राजनीतिक और धार्मिक प्रतीकों को धारण किए हुए थे। उन्होंने सिर पर मुस्लिम टोपी पहनी थी, उनके माथे पर स्पष्ट रूप से तिलक लगा हुआ था और उनके हाथ में कलावा बंधा हुआ था। इस 'तिरंगी' पहचान के साथ उन्होंने भीड़ के सामने जोश में "I love Muhammad" का नारा भी लगाया, जिससे एक स्पष्ट और अनूठा सियासी संदेश दिया गया।
AIMIM ने राणा रंजीत के अलावा सिकंदरा सीट से मनोज कुमार दास को भी टिकट दिया है। मनोज कुमार दास लगातार समर्थन जुटाने का काम कर रहे थे। एक दलित (संभावित) चेहरे को उतारकर ओवैसी की पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब केवल सीमांचल या मुस्लिम बहुल इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि बिहार में एक बड़ा सामाजिक आधार बनाने की महत्वाकांक्षा रखती है।
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