सहरसा विधानसभा चुनाव 2025: सहरसा सीट पर इंडियन इनक्ल्यूसिव पार्टी के इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता ने बीजेपी के आलोक रंजन को केवल 2038 वोटों से हराया। जनसुराज पार्टी के किशोर कुमार तीसरे स्थान पर रहे। इस बार सहरसा में राजनीति का नया अध्याय लिखा गया।
Saharsa Assembly Election 2025: सहरसा विधानसभा (Saharsa Assembly Election 2025) बिहार के कोसी क्षेत्र की सबसे अहम सीटों में गिनी जाती है। यह सीट सहरसा जिले की राजनीतिक धड़कन है और पिछले दो दशकों से बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी जंग का गवाह रही है। 2005, 2010 और 2020 में बीजेपी ने जीत हासिल की, लेकिन इस बार बीजेपी को इंडियन इनक्ल्यूसव पार्टी के कैंडिडेट इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इंद्रजीत प्रसाद ने यहां से 115036 वोट हासिल कर बीजेपी प्रत्याशी आलोक रंजन को 2038 वोटों से मात दी। बीजेपी कैंडिडेट को इस सीट पर कुल 112998 वोट मिले। वहीं जनसुराज पार्टी उम्मीदवार किशोर कुमार 12786 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
सहरसा विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास और आंकड़े
2010: आलोक रंजन (BJP) ने आरजेडी के अरुण कुमार को 55,687 बनाम 47,708 वोट से हराया। जीत का अंतर 7,979 वोट।
2015: अरुण कुमार (RJD) ने आलोक रंजन (BJP) को 1,02,850 बनाम 63,644 वोट से हराया। जीत का अंतर 39,206 वोट।
2020: आलोक रंजन (BJP) ने लवली आनंद (RJD) को 1,03,538 बनाम 83,859 वोट से हराया। जीत का अंतर 19,679 वोट।
नोट: इन परिणामों से साफ है कि यह सीट पूरी तरह BJP बनाम RJD की जंग है।
सहरसा विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी, शिक्षा और प्रोफाइल
आलोक रंजन (BJP): लगातार तीन बार पार्टी का चेहरा रहे, संगठन और कैडर पर गहरी पकड़।
लवली आनंद (पूर्व RJD, अब JDU): 2020 में हार के बाद पार्टी बदली, 2025 में मैदान में होंगी या नहीं, संशय।
अरुण कुमार (RJD): 2015 में शानदार जीत दिलाने वाले चेहरे, लेकिन 2020 में टिकट से वंचित।
उम्मीदवारों की शिक्षा, संपत्ति और आपराधिक रिकॉर्ड इस सीट पर प्रचार का अहम मुद्दा रहते हैं।
सहरसा विधानसभा सीट का जातीय समीकरण और वोट बैंक
सहरसा विधानसभा में कोसी क्षेत्र के यादव, ब्राह्मण, भूमिहार और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
यादव और मुस्लिम वोट- RJD का पारंपरिक आधार
सवर्ण और अति पिछड़ा वोट- BJP का मजबूत आधार
यही समीकरण चुनावी जीत-हार की कुंजी है।
सहरसा विधानसभा सीट का बूथ मैनेजमेंट और मतदान प्रतिशत
2020 में मतदान प्रतिशत: 59.85%
2015 में मतदान प्रतिशत: 61.20%
सहरसा सीट पर यादव, ब्राह्मण, दलित और अल्पसंख्यक वोट निर्णायक माने जाते हैं।
आरजेडी का मुख्य सहारा यादव + मुस्लिम (MY Factor) वोट बैंक है।
बीजेपी ब्राह्मण, उच्च जाति और शहरी वोटरों पर निर्भर करती है।
बूथ मैनेजमेंट की बात करें तो बीजेपी का संगठनात्मक ढांचा और संघ की पकड़ इस सीट को हाई-प्रोफाइल बनाती है।
नोट: RJD को ग्रामीण इलाकों से मजबूती मिलती है, जबकि BJP का प्रदर्शन शहरी बूथों पर बेहतर रहता है।
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