
सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढी जिले से एक हैरान करने वाल मामला सामने आया है। जिले के एमडीएम का प्रभारी डीईओ बनने के लिए दो डीपीओ में काफी दिनों से रस्साकशी चल रही थी। एक दिन पहले ही डीपीओ संजय कुमार देव ने बाजी मार ली। उन्हें प्रभारी डीईओ का चार्ज दे दिया गया। पर दूसरे ही दिन निगरानी टीम ने उन्हें दबोच लिया। देव, गबन के मामले में फंसे एक टीचर से 50 हजार रिश्वत ले रहे थे। टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ा।
टीचर पर चल रही थी विभागीय कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, सुप्पी प्रखंड के टीचर रितेश कुमार पर एमडीएम योजना में अनियमितता के आरोप में विभागीय कार्रवाई की जा रही है। उसी प्रकरण की जांच में डीईओ साहब से टीचर को मदद की आस थी। राहत पाने के लिए टीचर ने उनसे पैसे के लेन देन की भी डील की थी। पर प्रभारी डीईओ को यह अंदेशा तक नहीं था कि टीचर उसे रिश्वत देंगे रंगे हाथ पकड़वा सकता है।
इधर रिश्वत देने को तैयार, उधर निगरानी विभाग से शिकायत
उधर टीचर की नौकरी खतरे में है। उसे अंदेशा था कि उसके खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई के साफ सुथरे तरीके से निपटने की राह में प्रभारी डीईओ रोड़ा बन सकते हैं। इसी अंदेशे की वजह से टीचर ने उन्हें रिश्वत देने को तैयार हो गया और साथ ही निगरानी विभाग से भी कंप्लेन कर दी।
कार्यालय से ही उठा ले गई निगरानी टीम
देव, अपने कार्यालय में बैठे हुए टीचर से डील कर रहे थे। वहीं निगरानी टीम उनके कार्यालय के बाहर मौजूद थी। इधर टीचर ने उन्हें रिश्वत दी, उधर टीम ने साहब को रंगे हाथ दबोच लिया और गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। इस घटना की जानकारी मिलते ही शिक्षा महकमें में हड़कम्प मच गया। वैसे भी एमडीएम में गबन की खबरें आती रहती है। अधिकारियों के गड़बड़ियों की शिकायतें भी होती है। पर इस तरह से हुई कार्रवाई ने एक बार फिर विभाग के अधिकारियों की पोल खोलकर रख दी है।
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