
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर प्रशासनिक स्तर पर बड़े पैमाने पर तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य भर में मतदान केंद्रों की समीक्षा कर संवेदनशील और भेद्य इलाकों की पहचान का काम चल रहा है। गृह विभाग ने सभी ज़िला प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदारी सौंपते हुए सुनिश्चित किया है कि चुनाव शांति, निष्पक्षता और अधिकतम मतदान के साथ संपन्न हो।
राज्य में कुल 90,000 से अधिक मतदान केंद्र हैं। चुनाव आयोग ने हर 10 से 12 मतदान केंद्रों को एक सेक्टर में विभाजित कर कुल 9,000 सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। ये सेक्टर अधिकारी क्षेत्रीय प्रशासन, पुलिस, नागरिकों और राजनीतिक दलों के सहयोग से एक प्रभावी सेक्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करेंगे। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुँचाने के लिए रणनीति बनाएं और कम मतदान वाले इलाकों में विशेष अभियान चलाएँ।
सेक्टर अधिकारी अपने क्षेत्र की कमज़ोर, दबंगों के प्रभाव वाले या पिछली बार कम मतदान वाले इलाकों की पहचान कर वहाँ विश्वास बहाली की योजनाएँ बनाएँगे। विशेष ध्यान महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुँचाने पर दिया जाएगा। इसके लिए वाहन सुविधा, स्वास्थ्य सहायता और सुरक्षित मतदान केंद्र सुनिश्चित किए जाएंगे ताकि कोई मतदाता असुविधा के चलते मतदान से वंचित न रहे।
मतदान से एक सप्ताह पहले सेक्टर अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मतदान के दिन वे अपने क्षेत्र की पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे, लगातार भ्रमण कर मतदान की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और किसी भी शिकायत या गड़बड़ी पर तुरंत ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी और निर्वाची अधिकारी को रिपोर्ट देंगे। इसके अलावा, वे उड़नदस्ता दल के साथ मिलकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी। पुलिस की अलग टीम, निगरानी उपकरण, मोबाइल पेट्रोलिंग और शिकायत निवारण तंत्र सक्रिय रहेगा। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी गड़बड़ी पर त्वरित कार्रवाई करें और क्षेत्र में भयमुक्त माहौल बनाए रखें। प्रशासन का उद्देश्य है कि चुनाव में हर मतदाता निडर होकर मतदान करे।
चुनाव आयोग की तैयारी यह सुनिश्चित करने के लिए है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 न केवल निष्पक्ष हो बल्कि रिकॉर्ड मतदान के साथ संपन्न हो। पिछले चुनावों में कम मतदान वाले क्षेत्रों को लक्ष्य बनाकर इस बार प्रभावी रणनीति लागू की जाएगी। प्रशासन और पुलिस का संयुक्त प्रयास है कि कोई भी मतदाता भय, असुविधा या गलत प्रभाव के चलते मतदान से वंचित न रहे।
चुनाव अधिकारियों ने नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि मतदान लोकतंत्र का सबसे बड़ा अधिकार है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से सुनिश्चित है और सभी वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को मतदान केंद्र तक पहुँचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे।
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