
पटनाः बिहार की राजनीति में बुधवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला जब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली RLJP के लिए यह इस्तीफा एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन और सीट बंटवारे पर संघर्ष कर रही है।
सूरजभान सिंह ने पार्टी छोड़ने के पीछे मुख्य कारण 'आंतरिक लोकतंत्र का पूरी तरह से समाप्त हो जाना' बताया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्पष्ट किया कि पार्टी में कोई भी निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा सामूहिक रूप से नहीं लिया जाता था।
सूरजभान सिंह ने त्यागपत्र में भावुकता दिखाते हुए कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही दिवंगत नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान के साथ काम किया और दो दशकों से संगठन को खड़ा करने का काम किया। उन्होंने कहा कि उनके विरोध के बावजूद भी जब पार्टी को तोड़ा गया, तब भी वह पूरी ईमानदारी से पार्टी के साथ बने रहे।
उन्होंने जोर देकर कहा कि रामविलास पासवान के हजारों कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए उनका कोई भी पद मायने नहीं रखता और वह रामविलास पासवान जी की विरासत बचाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। सूरजभान सिंह ने दुखी मन से कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी अब रामविलास पासवान के विचारधारा, सिद्धांतों और विचारों से पूरी तरह से भटक चुकी है, जिसके कारण वह इस्तीफा दे रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में यह खबर आग की तरह फैल चुकी है कि सूरजभान सिंह जल्द ही लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, उनके इस्तीफे के पीछे RJD से हुआ एक अंदरूनी समझौता भी बड़ी वजह हो सकती है। चर्चा है कि उनकी पत्नी और पूर्व सांसद वीणा देवी को RJD मोकामा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है। मोकामा में उनका सीधा और कड़ा मुकाबला बाहुबली नेता अनंत सिंह से होने की संभावना है, जिससे यह सीट इस बार का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन जाएगी। इतना ही नहीं, सूरजभान सिंह के भाई और पूर्व सांसद चंदन सिंह को भी RJD से टिकट मिलने की प्रबल संभावना है, जिससे उनके परिवार के कम से कम दो सदस्य इस चुनाव में मुख्य भूमिका में नजर आ सकते हैं।
सूरजभान सिंह का इस्तीफा RLJP प्रमुख पशुपति कुमार पारस के लिए ऐसे समय में आया है जब वह पहले ही बड़े संकट का सामना कर रहे हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पशुपति कुमार पारस और RJD के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत टूट गई है। बताया गया कि RJD ने पारस को उनकी पार्टी का विलय राष्ट्रीय जनता दल में करने के बदले केवल तीन सीटों का प्रस्ताव दिया था, जिसे पारस ने अस्वीकार कर दिया। बातचीत टूटने के बाद अब पशुपति पारस ने बिहार विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन करने की संभावना तलाशी है।
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