
Tej Pratap Yadav controversies: कभी बांसुरी बजाते कृष्ण, तो कभी रण के अर्जुन, तेज प्रताप यादव ने बिहार की राजनीति को एक नया रंग दे दिया। लेकिन ये रंग अक्सर विवादों से भरा रहा।
बिहार की राजनीति में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक ऐसे किरदार बन चुके हैं, जो अपने बयानों, हरकतों और रिश्तों के कारण चर्चा में बने रहते हैं। कभी उनके भगवाधारी अवतार वायरल होते हैं, तो कभी सियासी परिवार में भूचाल ला देने वाली घोषणाएं।
राजनीति में जब संयम और गंभीरता की अपेक्षा हो, तब तेज प्रताप यादव जैसे नेता एक अनोखा उदाहरण पेश करते हैं। आइए नजर डालते हैं उनके अब तक के 10 सबसे बड़े विवादों पर, जिनकी वजह से न सिर्फ पार्टी बल्कि पूरा प्रदेश भी सकते में आ गया।
मई 2025 में तेज प्रताप को RJD और लालू परिवार से 6 साल के लिए बाहर कर दिया गया। वजह बनी फेसबुक पोस्ट में अनुष्का यादव नाम की महिला के साथ अपने 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा। पार्टी ने इसे ‘अनैतिक और नुकसानदायक आचरण’ बताया।
तेज प्रताप की शादी चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से हुई थी, लेकिन जल्द ही रिश्ते में कड़वाहट आ गई। ऐश्वर्या ने तेज प्रताप पर घरेलू हिंसा, नशाखोरी और महिला वेशभूषा पहनने जैसे गंभीर आरोप लगाए।
अप्रैल 2022 में तेज प्रताप ने एक इफ्तार पार्टी में पार्टी के ही पूर्व एमएलसी उम्मीदवार अनिल सम्राट को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मार दिया। इससे पार्टी की आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई।
राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर आयोजित एक और इफ्तार पार्टी में तेज प्रताप ने युवा नेता रामराज यादव पर हमला किया। इसके बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया।
मार्च 2025 में तेज प्रताप बिना हेलमेट, बीमा और प्रदूषण प्रमाणपत्र के स्कूटी चलाते हुए पकड़े गए। उन्हें ₹4000 का चालान भरना पड़ा। दिलचस्प बात ये रही कि वे मुख्यमंत्री आवास के सामने "पलटू चाचा" के नारे लगाते हुए स्कूटी दौड़ा रहे थे।
2016 में तेज प्रताप ने भाजपा नेता सुशील मोदी के बेटे को “नपुंसक” कह दिया। यह बयान पूरे राजनीतिक माहौल में बवाल का कारण बना और उनकी छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा।
2017 में तेज प्रताप पर आरोप लगे कि उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए पेट्रोल पंप का लाइसेंस लिया। BPCL ने जांच के बाद उनका लाइसेंस रद्द कर दिया।
तेज प्रताप पर महामारी एक्ट, घरेलू हिंसा, महिला सुरक्षा अधिनियम और दहेज कानून समेत कई धाराओं में मुकदमे चल रहे हैं। विरोधी दल अक्सर उन्हें ‘विवादों का प्रतीक’ बताते हैं।
2018 में उनके रिसेप्शन के दौरान VIP एरिया में मौजूद लोगों ने व्यवस्था बिगाड़ दी। बर्तन चोरी की घटनाएं तक हुईं, जिससे पार्टी की खूब किरकिरी हुई।
तेज प्रताप कभी कृष्ण बनकर लोगों से मिलते हैं, तो कभी खुद को गुप्त मुख्यमंत्री बताते हैं। कभी गौसेवा, कभी गुफा में तपस्या और कभी सड़क पर स्कूटी से दौरा इन हरकतों ने उन्हें एक रहस्यमयी लेकिन विवादित नेता बना दिया है।
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