
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी समर गर्मा गया है। नेता प्रतिपक्ष और राजद के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के खासम खास मंत्री के अधीन कार्यरत तीन इंजीनियरों के पास करोडों की संपत्ति है, जिनमें से एक के घर से 13 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए हैं। तेजस्वी ने कहा कि 500, 300 और 100 करोड़ रुपये के मालिक निकले ये इंजीनियर, जो बिहार में भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण हैं।
तेजस्वी यादव ने आरोपों का विस्तार करते हुए कहा, “एक इंजीनियर के घर के बाहर आठ घंटे तक आर्थिक अपराध शाखा की टीम लगी रही, लेकिन उसने 10 करोड़ रुपये के नोट जला दिए। फिर भी, 100 करोड़ की प्रॉपर्टी और करोड़ों का कैश बरामद हुआ। यह भ्रष्टाचार और घोटाले का भयावह चेहरा है।” उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर मुख्यमंत्री रोजाना उस मंत्री के घर जाते हैं, जिससे जुड़ी अफ़सरशाही भ्रष्टाचार के आरोपों में उलझी हुई है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के थाना और ब्लॉक स्तर के भ्रष्टाचार की गवाही बिहार की 14 करोड़ जनता रोज़ देती है, लेकिन वास्तविक कार्रवाई नहीं हो रही।
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “नैतिक भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह” बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के सफेदपोशों को संरक्षण देना उनकी प्रमुख पहचान बन गया है। “जिन्हें सजा मिलनी चाहिए थी, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह सब सरकार की मिलीभगत का परिणाम है।”
तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार को लेकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार दोनों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के टेंडर में 30% कमीशनखोरी हो रही है और ठेकेदारों के माध्यम से मंत्री तक घूस जाती है, जो चुनावी खर्चों का स्रोत बन रही है। सरकार ने ग्लोबल टेंडरिंग के नाम पर बिहार के स्थानीय ठेकेदारों को बाहर रखा है। उन्होंने कहा कि बिहार के बजट का लगभग 8% हिस्सा ब्याज चुकाने में चला जाता है, जबकि विकास योजनाओं के लिए कम धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में बिहार की जनता भ्रष्टाचार और घूसखोरी से त्रस्त हो चुकी है।
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