UPSC 2022 Topper: बिना कोचिंग टॉपर बनी गरिमा, पिता की मौत के बाद घर में रहकर की UPSC की तैयारी

UPSC Topper Garima Lohia: मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने देश की सबसे मुश्किल परिक्षाओं में एक सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम (upsc result 2022) जारी कर दिया है। बिहार के बेटी गरिमा लोहिया ने यूपीएससी में देश के अंदर दूसरा स्थान हासिल किया है।

पटना (बिहार). upsc result 2022 देश की सबसे कठिन और बड़े एग्जाम सिविल सेवा परीक्षा का यूपीएससी ने मंगलवार को रिजल्ट जारी कर दिया है। यूपीएससी-2022 के इस परिणाम में देशी बेटियों ने बाजी मारी है। इस साल की टॉपर इशिता किशोर बनीं हैं। वहीं बिहार के बक्सर की बेटी गरिमा लोहिया दूसरे स्थान पर आई है। तो उमा हारती एन को तीसरा और स्मृति मिश्रा ने चौती रैंक हासिल की है।

पिता की मौत के बाद भी गरिमा ने नहीं हारी हिम्मत

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यूपीएससी एग्जाम में देशभर में सेकंड नंबर आने वाली गरिमा लोहिया ने सिविल परीक्षा पास करने के लिए दिन रात मेहनत की है। गरिमा की जिंदगी संघर्ष से भरी है। पिता नारायण प्रसाद लोहिया की चार साल पहले मौत हो गई थी। ऐसे में यूपीएससी की तैयारी करना बहुत बड़ा चैलेंज था। लेकिन लॉकडाउन के दौरान गरिमा ने तय कर लिया कि वह आईएएस अफसर बनकर ही रहेगी। इसके लिए वो घर में ही इंटरनेट की मदद से प्रिपरेशन करने लगी।

UPSC टॉपर गरिमा ने महंगी फीस के चलते नहीं की कोचिंग

गरिमा ने कोचिंग फीस ज्यादा होने के कारण कोचिंग ज्वॉइन नहीं कि, यानि घर में ही रहकर यह एग्जाम क्लियर करने का ठान लिया। गरिमा ने कोचिंग की बजाए ऑनलाइन स्‍टडी और नोट्स बनाकर किताबों से पढ़ाई की। गरिमा ने इससे पहले भी अटेम्प्ट किया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। वह निराश नहीं हुई डबल मेहनत करना शुरू कर दिया। गरिमा का कहना है कि जब हम कभी डीमोटिवेटेड फील करते हैं, तब फैमिली का सपोर्ट बहुत काम आता है। इससे आगे बढ़ने में हौसला मिलता है।

यूपीएससी टॉपर गरिमा ने बताई अपनी स्ट्रैटजी

अपनी मेहनत की दम पर माता-पिता और बिहार का नाम रोशन करने वाली यूपीएससी टॉपर गरिमा लोहिया ने अपनी सफलता के मंत्र भी बताए। उन्होंने कहा कि हर इंसान को आगे बढ़ने के लिए सपने देखना चाहिए। में बहुत खुश हूं कि मैंने एक छोटे से कस्बे में रहकर आईएस बनने का सपना देखा और आज वो साकार भी हो गया। गरिमा का कहना है कि कई लोग एग्जाम पास करने के लिए टाइम टेबल बनाते हैं। लगातार 8 से 9 घंटे पढ़ाई करते हैं। लेकिन मैंने ऐसा कोई शेड्यूल फिक्स नहीं किया। मैं कभी 8 घटे पढ़ती तो कभी दो से तीन घंटे ही स्टडी करती। किसी दूसरे के हिसाब से नहीं चलें, अच्छा होगा कि अपनी स्ट्रैजी खुद बनाएं। हर दिन पढ़ते रहें, इंटरनेट और नोट्स की मदद लें।

गरिमा को बधाई देने वालों का लगा है तांता

गरिमा मूल रुप से बिहार के बक्सर जिले की रहने वाली है। उसने बक्सर में रहकर यूपीएससी की तैयारी की थी। गरिमा लोहिया का पूरा परिवार बक्सर जिले के बांग्ला घाट में रहता है। अब इसी छोटे से कस्बे से निकलकर गरिमा ने अपने माता-पिता का मान-सम्मान बढ़ाया है। आज उसकी मेहनत इस कदर रंग लाई है कि वह देश के लाखों युवाओं के प्रेरणा बन गई है। खासकर उन बेटियों को लिए पढ़ने के लिए किसी कारण बस बिहार से बाहर नहीं जा सकती हैं। गरिमा के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बांग्ला समेत बक्सर में जश्न का माहौल है।

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