Waqf Bill पर Nitish Kumar के समर्थन से Bihar Politics में भूचाल, इन 4 Muslim Leaders ने छोड़ी JDU

Published : Apr 04, 2025, 01:08 PM IST
Bihar Chief Minister and JD(U) chief Nitish Kumar (Photo/ANI)

सार

Waqf Bill पर JDU के समर्थन से बिहार की राजनीति गरमाई। मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ी, कानूनी लड़ाई की तैयारी शुरू। जानिए पूरा विवाद।

Waqf Bill: बिहार की सियासत एक बार फिर गर्माई हुई है, और इस बार वजह है वक्फ संशोधन बिल पर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) का समर्थन। इस फैसले ने पार्टी के भीतर हलचल मचा कर रख दी है। खासकर मुस्लिम समुदाय से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष की लहर दिख रही है। बात इतनी बढ़ गई कि जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ से जुड़े चार नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

नीतीश सरकार के फैसले से मचा भूचाल

वक्फ संशोधन बिल को लेकर केंद्र सरकार की नीति पर जब चर्चा शुरू हुई, तब उम्मीद थी कि सेक्युलर छवि वाली पार्टियाँ इसका विरोध करेंगी। लेकिन जब जेडीयू ने इस बिल के समर्थन में खड़े होकर केंद्र सरकार का साथ दिया, तो यह फैसला पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं को नागवार गुज़रा। उन्होंने इसे सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय के हक़ और हितों पर हमला करार दिया।

इन चार नेताओं ने छोड़ा जेडीयू का साथ

नीतीश कुमार के इस रुख से खफा होकर जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया, उनमें मोहम्मद शाहनवाज मलिक–प्रदेश सचिव, जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, सिए मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग–प्रदेश महासचिव, मोहम्मद दिलशान राईन–भोजपुर से पार्टी सदस्य और मोहम्मद कासिम अंसारी–पूर्व विधानसभा प्रत्याशी शामिल हैं। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि जेडीयू ने मुस्लिम समुदाय का विश्वास तोड़ा है और इस कदम से पार्टी की सेक्युलर पहचान को गहरा आघात पहुँचा है।

जेडीयू की सफाई: “इनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं”

इस खबर को लेकर जेडीयू की तरफ से सख्त प्रतिक्रिया आई है। जिला अध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि मोहम्मद कासिम अंसारी तो पहले ही पार्टी से निष्कासित हो चुके थे और उन्होंने कभी पार्टी के टिकट पर चुनाव भी नहीं लड़ा। बाकियों के बारे में भी कहा गया कि उनका पार्टी से आधिकारिक संबंध नहीं है।

पूर्व MLC और मुस्लिम संगठनों ने भी जताया विरोध

सिर्फ पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेताओं ने ही नहीं, बल्कि जेडीयू के वरिष्ठ मुस्लिम नेता और पूर्व MLC मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने भी इस फैसले की कड़ी आलोचना की। उनके साथ-साथ पार्टी के मौजूदा MLC गुलाम गौस ने भी विरोध दर्ज कराया। इन दोनों नेताओं का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और योजनाओं पर हमला है। इसके जरिए वक्फ बोर्ड की जमीनें जब्त करने की तैयारी है।

कानूनी लड़ाई का ऐलान

एदारा-ए-शरिया के अध्यक्ष और पूर्व MLC मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने एलान किया कि देशभर के हाईकोर्ट में इस बिल को चुनौती दी जाएगी। इसके लिए लीगल सेल का गठन हो चुका है और जल्द ही अदालतों में याचिकाएँ दाखिल की जाएंगी।

क्या है वक्फ बिल विवाद की पूरी तस्वीर?

वक्फ संशोधन बिल पर जब जेडीयू ने संसद में केंद्र सरकार का समर्थन किया, तो यह मुस्लिम समुदाय के लिए चौंकाने वाला था। नेताओं ने इसे मुस्लिम विरोधी कदम करार दिया। पार्टी नेतृत्व ने इस पर सफाई दी कि यह फैसला सामूहिक सोच का नतीजा है और इसमें किसी एक व्यक्ति की भूमिका नहीं है।

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