
बिहार की राजनीति में चल रहे सियासी तूफान ने चुनाव नतीजों के बाद नया मोड़ ले लिया है। जिस चेहरे पर महागठबंधन ने पूरा दांव लगाया था, जनता ने उसे पूरी तरह नकार दिया। तेजस्वी यादव को मिली करारी हार ने सिर्फ राजनीति में ही नहीं, बल्कि लालू परिवार के भीतर भी बड़ी दरार पैदा कर दी है। चुनावी हार के बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से रिश्ता खत्म करने तक का ऐलान कर दिया। इस फैसले के पीछे जिन नामों का उन्होंने जिक्र किया, उनमें संजय यादव के साथ एक और नाम सामने आया—रमीज नेमत।
अब सवाल यह कि आख़िर यह रमीज है कौन और कैसे वह तेजस्वी का इतना करीबी बन गया कि परिवार में फूट तक पड़ गई?
रोहिणी आचार्य जिन रमीज नेमत का नाम ले रही हैं, उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और कौशांबी में हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा सहित कई गंभीर धाराओं में 11 केस दर्ज हैं। रमीज का नाम तुलसीपुर के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पप्पू की हत्या में भी आ चुका है।
इस मामले में उसके ससुर और पूर्व सांसद रिज़वान जहीर जेल में बंद हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार रमीज पर अपने ही बिजनेस और क्राइम पार्टनर शकील अहमद की हत्या का भी आरोप है। इस केस की पैरवी खुद शकील की पत्नी रुबीना कर रही हैं। फिलहाल रमीज जमानत पर बाहर है और इसी दौरान वह तेजस्वी यादव का नज़दीकी रणनीतिकार बताया जा रहा है।
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विश्वस्त सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रमीज नेमत की तेजस्वी से पहली मुलाकात दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में क्रिकेट खेलते हुए हुई थी। रमीज के पिता नियामतुल्लाह जामिया में प्रोफेसर थे और इसी दौरान दोनों की दोस्ती गहरी होती चली गई।धीरे-धीरे रमीज तेजस्वी यादव के बेहद नज़दीक आ गया। पूर्व सांसद रिज़वान जहीर ने भी अपने चचेरे भाई के बेटे रमीज के साथ अपनी बेटी का निकाह कर दिया, जिससे यह रिश्ता और मजबूत हो गया।
4 जनवरी 2022 को बलरामपुर के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रहे फिरोज पप्पू की हत्या ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या के लिए दो शूटर बुलाए गए थे। जांच आगे बढ़ी तो इस हत्या में पूर्व सांसद रिज़वान जहीर, उनकी बेटी जेबा और जेबा के पति रमीज का हाथ सामने आया। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रमीज के खिलाफ कौशांबी में शकील अहमद की हत्या का केस पहले से दर्ज है। इस केस में भी उसका नाम मुख्य आरोपी के रूप में दर्ज है। उसके खिलाफ एनएसए तक लगाया जा चुका है।
अफरोज़ अहमद, जो रमीज के कथित उत्पीड़न के पीड़ित बताए जाते हैं, का दावा है कि जेल से बाहर आते ही रमीज सीधे बिहार चला गया और वहां जाकर तेजस्वी यादव का रणनीतिकार बन बैठा। बताया जा रहा है कि तेजस्वी के कई महत्वपूर्ण निर्णयों में रमीज का सीधा असर रहता है।
इसी दखलअंदाजी को लेकर अब लालू परिवार में खींचतान शुरू हो गई है। रोहिणी आचार्य ने खुलकर रमीज पर सवाल उठाते हुए भाई तेजस्वी और परिवार से दूरी बना ली है, जिससे सियासत के साथ-साथ निजी रिश्तों में भी तनाव साफ दिख रहा है।
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