नीतीश कुमार: पिछले 30 सालों में कभी नहीं लड़ा बिहार विधानसभा चुनाव, क्या है वजह?

Published : Nov 14, 2025, 09:47 PM IST
Nitish Kumar

सार

बिहार के सीएम नीतीश कुमार 1985 के बाद से विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं। वे विधान परिषद से सदस्य बनते हैं। 2005 से अब तक वे एमएलसी रहकर मुख्यमंत्री बनते रहे हैं। उनका कार्यकाल 2030 तक बढ़ा है। वहीं, 2025 चुनाव में एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।

Nitish Kumar: बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार विधानसभा चुनावों से दूर ही रहते हैं। उन्होंने आखिरी बार 1985 में विधायक के रूप में काम किया था और उसके बाद से केवल एक बार 1995 में हरनौत से विधानसभा चुनाव लड़ा है, जिसे उन्होंने बरकरार नहीं रखा और इसके बजाय लोकसभा सांसद बने रहे। लगभग तीन दशकों से, वे राज्य विधानमंडल के सदस्य बने रहने के लिए लगातार विधान परिषद का रास्ता अपनाते रहे हैं।

विधान परिषद को क्यों पसंद करते हैं नीतीश कुमार?

नीतीश कुमार पहली बार 2000 में बिहार विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य न होते हुए भी मुख्यमंत्री बने थे। समय पर सीट न मिल पाने के कारण उन्होंने 8 दिनों के अंदर ही इस्तीफा दे दिया था। 2005 में जब वे सत्ता में लौटे, तो उन्होंने बिना विधानसभा चुनाव लड़े फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और बाद में विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य बने और तब से वे इसी परंपरा को निभाते आ रहे हैं।

2012 में नीतीश ने MLC के रूप में अपना पहला कार्यकाल किया पूरा

बता दें कि बिहार उन 6 राज्यों में से एक है जहां दो सदनों वाली विधायिका है। बिहार में भी मंत्रियों को सीधे विधानसभा चुनाव के बजाय विधान परिषद के माध्यम से सेवा करने की अनुमति है। नीतीश ने 2012 में एमएलसी के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा किया और फिर से निर्वाचित हुए, जिससे विधानसभा चुनाव लड़ने की उनकी अनिच्छा पर बार-बार सवाल खड़े होते रहे।

विधानसभा चुनाव क्यों नहीं लड़ते नीतीश कुमार?

जनवरी 2012 में विधान परिषद के शताब्दी वर्ष के अवसर पर इस विषय पर बोलते हुए, नीतीश ने कहा था, "मैंने अपनी इच्छा से एमएलसी बनने का फैसला किया, किसी मजबूरी के चलते नहीं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा था कि वह विधान परिषद के लिए फिर से चुनाव लड़ते रहेंगे। 2015 के चुनावों से पहले, उन्होंने फिर से साफ किया कि वह विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि वह अपना ध्यान एक ही निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं रखना चाहते थे।

2030 तक विधान परिषद में बने रहेंगे नीतीश कुमार

नीतीश कुमार 2018 में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए विधान परिषद में लौटे, जो 2024 में समाप्त हुआ। उन्होंने मार्च 2024 में एक और कार्यकाल हासिल किया, जिससे परिषद में उनकी सदस्यता मई 2030 तक बढ़ गई। बता दें कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को हुए थे। वहीं नतीजे 14 नवंबर को आए। बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 200 से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। वहीं लालू यादव की पार्टी राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों वाला महागठबंधन महज 35 सीटों पर सिमटता दिख रहा है।

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