
बीजापुर का घना जंगल, वर्षों से गोलियों की गूंज और खामोशी का अजीब मिश्रण झेलता आया है। लेकिन बुधवार की सुबह इस इलाक़े ने एक अलग दृश्य देखा। जहां कभी सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया जाता था, वहीं अब उसी इलाके में नक्सलियों की लंबी कतार आत्मसमर्पण के लिए खड़ी थी। यह नज़ारा सिर्फ बीजापुर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आया है।
बीजापुर पुलिस और सुरक्षाबलों के सामने बुधवार को कुल 41 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें से 32 नक्सली इनामी थे, जिनकी कुल इनामी राशि लगभग एक करोड़ 19 लाख रुपये थी। यह इस साल का अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण माना जा रहा है।
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12 नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपये का इनाम, 8 नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम
आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को सरकार द्वारा 50-50 हजार रुपये की तुरंत प्रोत्साहन राशि दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि सभी नक्सली भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था जताते हुए समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं। उन्हें आगे पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा ताकि वे सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जी सकें।
ये नक्सली निम्नलिखित संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे थे:
पुलिस के अनुसार, यह आत्मसमर्पण नक्सल संगठनों की कमजोर होती पकड़ का संकेत है।
सुरक्षा बलों के लिए यह लगातार बड़ी उपलब्धियों में से एक है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित होने की उम्मीद और प्रबल हो गई है।
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