छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक ईंट भट्ठे में दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत हो गई। जिला कलेक्टर ने बसना थाना क्षेत्र के गढ़फुलझर गांव में हुई इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
रायपुर. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक ईंट भट्ठे में दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए है। इस मामले में एक अन्य बीमार है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, जिला कलेक्टर ने बसना थाना क्षेत्र के गढ़फुलझर गांव में हुई इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
1. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौतों पर दु:ख व्यक्त किया है। साथ ही प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
2. बसना पुलिस थाने की SHO कुमारी चंद्राकर ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, छह श्रमिकों ने मंगलवार की रात को ठंडक होने के चलते सूखी मिट्टी की ईंटों का एक ढेर लगाया और उसके ऊपर सो गए।
3. उन्होंने कहा कि जब अन्य कर्मचारी बुधवार सुबह मौके पर पहुंचे और उन्हें बेहोश पाया, तब पुलिस को इसकी सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि छह श्रमिकों को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनमें से पांच को मृत घोषित कर दिया गया।
4. SHO ने कहा छठे व्यक्ति को बाद में इलाज के लिए राजधानी रायपुर रेफर किया गया है। उन्होंने कहा, "डॉक्टरों के मुताबिक, पांचों की मौत दम घुटने से हुई है, लेकिन मौत का सही कारण उनके पोस्टमॉर्टम के बाद पता चलेगा।"
5. पुलिस ने मृतकों की पहचान गंगा राम बीसी (55), दशरथ बीसी (30), सोना चंद भोई (40), वरुण बरिहा (24) और जनक राम बरिहा (30) के रूप में की है। पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है।
6. उधर, घटना का जायजा लेने के लिए जिला प्रशासन और खनन अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि महासमुंद कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।
7. सीएम ने अधिकारियों को प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और अस्पताल में भर्ती ईंट भट्ठा श्रमिक को चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।
8. माइनिंग आफिसर इनचार्ज (महासमुंद) उमेश भार्गव ने कहा कि उनके विभाग ने भट्ठा संचालन के संबंध में भी जांच शुरू कर दी है।
9. भार्गव ने कहा कि गांव में भट्ठा चलाने वाले कुंजबिहारी पाडे द्वारा कोई आफिसियल परमिशन नहीं ली गई थी।
10. भार्गव ने कहा कि हालांकि, पाडे कुम्हार समुदाय (जो पारंपरिक रूप से मिट्टी के बर्तन बनाते हैं) से आते हैं और ईंट बनाने में संबंधित समुदाय के लिए कुछ छूट हैं। लेकिन सभी के लिए स्टैंडर्ड सेफ्टी मेजर और रूल्स एंड रेग्युलेशंस का पालन करना अनिवार्य है।
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