
Chhattisgarh New Vidhan Sabha Building: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण किया। 25 साल के लंबे इंतजार के बाद राज्य को अपना स्थायी, आधुनिक और भव्य विधानसभा भवन मिला। राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में यह अवसर बेहद ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण रहा।
लोकार्पण समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह भवन लोकतांत्रिक परंपराओं का प्रतीक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां जनहित के विधेयकों और मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी। यह भवन लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज का दिन भगवान श्रीराम की ननिहाल और माता कौशल्या की धरती छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य बनाया और अब प्रधानमंत्री मोदी इसे संवारने का कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार बीते दो वर्षों से “मोदी की गारंटी” पूरी करने में जुटी है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह भवन छत्तीसगढ़ के गौरव का प्रतीक बनेगा। इसे 80% स्वदेशी सामग्री से बनाया गया है। भवन में बस्तर के सागौन की लकड़ी से बने फर्नीचर और दरवाजे हैं। सदन की छत पर धान की बालियों की कलाकारी की गई है, जो प्रदेश की कृषि संस्कृति को दर्शाती है।
नया विधानसभा भवन सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और आस्था का प्रतीक है। 25 वर्षों बाद राज्य को यह स्थायी भवन मिला है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं और पारंपरिक शिल्प का अद्भुत संगम है।
भवन की वास्तुकला में “धान का कटोरा” कहलाने वाले छत्तीसगढ़ की पहचान को खूबसूरती से समाहित किया गया है। दरवाजे और फर्नीचर बस्तर के शिल्पियों द्वारा बनाए गए हैं। यह भवन आधुनिकता और परंपरा का जीवंत उदाहरण है।
यह भवन पूरी तरह तकनीकी रूप से सुसज्जित है। इसमें पेपरलेस सिस्टम, डिजिटल वोटिंग और भविष्य में 200 सदस्यों की क्षमता तक विस्तार की सुविधा है। इसे “स्मार्ट विधानसभा” के रूप में तैयार किया गया है।
नया विधानसभा परिसर 51 एकड़ क्षेत्र में फैला है और इसकी लागत 324 करोड़ रुपये आई है। इसे तीन हिस्सों—विंग-ए (सचिवालय), विंग-बी (सदन और सेंट्रल हॉल) और विंग-सी (मंत्रालय कार्यालय)—में बांटा गया है।
भवन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सोलर प्लांट और वर्षा जल संचयन के लिए दो सरोवर बनाए गए हैं। निर्माण में हरित तकनीक का उपयोग किया गया है ताकि यह भवन पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण बने।
भवन में 500 सीटों वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और 200 सीटों का सेंट्रल हॉल है। इसकी डिजाइन पारंपरिक और आधुनिक स्थापत्य शैली का सुंदर मिश्रण है।
नए विधानसभा भवन में छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की उम्मीदें और आत्मगौरव झलकते हैं। यह न केवल लोकतंत्र का प्रतीक है, बल्कि राज्य की प्रगति, पहचान और संस्कृति का भी प्रतीक बनेगा।
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