छत्तीसगढ़ में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से समूह की महिलाओं को मिला अपने पैरों पर खड़े होने का हौसला

Published : May 16, 2023, 11:02 AM IST
bhupesh baghel overview rural industrial park in bhatapara chhattisgarh

सार

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ग्राम कड़ार के नवनिर्मित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने महिला समूहों से चर्चा कर उन्हें हो रहे लाभ के बारे में भी चर्चा की।

रायपुर, 15 मई 2023. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज भाटापारा विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के दौरान ग्राम कड़ार में नवनिर्मित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में स्थापित विभिन्न यूनिट का अवलोकन किया और वहां छोटे-छोटे उद्योग संचालित करने वाले महिला समूहों की सदस्यों से चर्चा कर उनके काम और व्यवसाय से हो रहे लाभ के बारे में जानकारी ली। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि रीपा खुलने से उन्हें छोटे-छोटे काम प्रारंभ कर अपने पैरों पर खड़ा होने का आत्मविश्वास मिला है। यहां हो रही आमदनी से उन्हें अपने घर परिवार चलाने में भी सहायता मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कड़ार रीपा में सबसे पहले मसाला निर्माण यूनिट का अवलोकन किया। इस यूनिट को संचालित करने वाली ओम साईं राम स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा कर उनके काम के बारे में मुख्यमंत्री ने जानकारी ली। श्रीमती इतरा धीवर ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब तक उनके समूह द्वारा 50 हजार रुपये के मिर्च-मसाले की बिक्री की गई है। गौठान में स्व-सहायता समूह के सदस्य वर्मी कंपोस्ट का निर्माण भी कर रहे हैं, अब तक 1 लाख 20 हज़ार रुपये की वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री कर चुके हैं। इस समूह में कुल 11 महिला सदस्य जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि लाभ की राशि का बटवारा सदस्य आपस में कर लेते हैं।

अगरबत्ती यूनिट को संचालित करने वाली मां सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य पूजा साहू ने बताया कि अभी तक 80 हजार रुपये का समान बेच चुके हैं, जिसमें लगभग 10 हजार रूपये की लागत लगी थी। दोना पत्तल यूनिट को संचालित करने वाली सतनाम महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य संगीता बंजारे ने बताया कि अभी तक 50 हजार रुपये का समान बेच चुके हैं, जिसमें लगभग 20 हजार रूपये की लागत लगी और 30 हजार का शुद्ध लाभ मिला है।

रीपा में लगायी गई ढाई लाख रूपए की लागत से मिनी दाल मिल की यूनिट

महामाया स्व-सहायता समूह की सदस्य देविका वर्मा ने बताया कि लगभग 2 माह पूर्व शासन की मदद से 2.50 लाख रुपये की लागत से मिनी दाल मिल इकाई स्थापित की गई है। अभी 20 क्विंटल कृषि विज्ञान केंद्र से अरहर मिला है, इसे प्रोसिसिंग कर खुला बाजार में बेचने की तैयारी है।

क्रमांक: 877/कोसरिया/चक्रधारी/सोलंकी

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