
राजधानी रायपुर स्थित दूरदर्शन केंद्र में सोमवार को दूरदर्शन का 66वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की और दूरदर्शन परिवार, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं दर्शकों को शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक यात्रा से जुड़ी अपनी पुरानी स्मृतियाँ साझा करते हुए कहा कि दूरदर्शन केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, बल्कि इसने समाज को वैचारिक रूप से समृद्ध करने और संस्कारों को संवारने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
समारोह में छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, गीत और शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने माहौल को उत्सवमय बना दिया। मुख्यमंत्री के समक्ष कलाकारों ने गौर नृत्य, बांस गीत, जवारा नृत्य, सुआ नृत्य और गौरी-गौरा जैसे लोकनृत्य प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1982 के एशियाई खेलों का रंगीन प्रसारण, रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिक, तथा “मिले सुर मेरा तुम्हारा” जैसे गीतों ने दूरदर्शन को देश की एकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बना दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरदर्शन ने हमेशा समाचारों की गरिमा और भाषा की शुचिता को बनाए रखा है। प्रादेशिक केंद्रों ने स्थानीय कलाकारों और प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच दिया है। विशेषकर रायपुर दूरदर्शन के कार्यक्रम “हमर चिन्हारी” ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को देश-दुनिया तक पहुँचाया है।
उन्होंने कहा कि “कृषि दर्शन” जैसे कार्यक्रमों से किसानों को नई जानकारी मिली, महिलाओं और युवाओं के लिए बने कार्यक्रमों ने समाज के हर वर्ग को जोड़ा। मुख्यमंत्री ने याद किया कि अपने कार्यकाल की शुरुआत में दिए गए “अपनी बात” साक्षात्कार में उन्होंने दूरदर्शन की स्पष्टता और विस्तारपूर्ण प्रस्तुति का अनुभव किया था।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज दूरदर्शन सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुँचाने और समाज में आने वाले सकारात्मक बदलावों को प्रदर्शित करने का सबसे सशक्त माध्यम है। जब किसी व्यक्ति की सफलता की कहानी दूरदर्शन पर प्रसारित होती है, तो वह लाखों लोगों को प्रेरणा देती है।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने भी समारोह में कहा कि दूरदर्शन ने छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपराओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने भरोसा जताया कि भविष्य में भी दूरदर्शन प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत तरीके से दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा।
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