राख की आंधी से दर्जन भर गांवों में खाना भी नहीं बना पा रहें ग्रामीण, त्वचा में हो रही खुजली

Published : Feb 10, 2023, 07:49 PM ISTUpdated : Feb 10, 2023, 07:51 PM IST
 National Thermal Power Corporation Jamnipali

सार

कोरबा के दर्जन भर गांव प्रदूषण से आजिज आ चुके हैं। थोड़ी सी तेज चलती हवा भी राख की आंधी सी महसूस होती है। आलम यह है कि ग्रामीण घरों में खाना भी नहीं बना पा रहे हैं। त्वचा पर लगातार खुजली होती रहती है।

कोरबा। कोरबा के दर्जन भर गांव प्रदूषण से आजिज आ चुके हैं। थोड़ी सी तेज चलती हवा भी राख की आंधी सी महसूस होती है। आलम यह है कि ग्रामीण घरों में खाना भी नहीं बना पा रहे हैं। त्वचा पर लगातार खुजली होती रहती है। बारिश के मौसम में यही राख कीचड़ में तब्दील हो जाती है। गांवो में प्रदूषण यूं ही नहीं फैला है, बल्कि एनटीपीसी जमनीपाली पावर प्लांट से उत्सर्जित राख इसकी प्रमुख वजह है।

इन गांवों में रहने वालों को झेलनी पड़ती है परेशानी

स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, समस्याओं के हल के लिए किए गए आंदोलन के बाद एनटीपीसी के अधिकारियों ने समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया था। पर स्थिति जस की तस है। राख उड़कर घरों में जा रहा है। इसके पहले कलेक्टर ने भी इसका संज्ञान लिया था और एनटीपीसी जमनीपाली की धनरास राखड़ बांध में प्रदूषण रोकथाम के उपायों में लापरवाही की जांच का निर्देश भी दिया था। राखड़ बांध से धनरास समेत आसपास के जटांगपुर, झोरा, छुरीखुर्द, गांगपुर, सलोरा, बिशनपुर, चोरभट्टी, बरेड़ीमुड़ा, चोरभट्टी और नवागांव कला गांव में रहने वालों परेशानी झेलनी पड़ रही है।

राखड़ डैम बंद करा धरने पर बैठे ग्रामीण

आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि राख उड़कर घरों में जा रहा है। उससे उनका जीना दुश्वार हो गया है। राख को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव भी ठीक से नहीं कराया जा रहा है। यही वजह है कि जहरीला राख उड़कर आसमान में बादल का रूप ले रहा है। नाराज ग्रामीणों ने राखड़ डैम बंद करा कर एनटीपीसी वाइट हाउस के सामने धरने पर बैठ गए।

लिखित आश्वासन के बाद खत्म हुआ प्रदर्शन

इस दरम्यान अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच कई घंटे बहस भी हुई। मजबूरन एनटीपीसी के अधिकारियों को लिखित तौर पर आश्‍वासन देना पड़ा कि सात दिन के भीतर मांगे पूरी की जाएंगी। उसके बाद ग्रामीणों का प्रदर्शन समाप्त हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि आसमान में उड़ रही राख की वजह से पेड़ पौधों के पत्तों पर भी राख जमा हो गयी है, उनके पत्ते काले हो गए हैं।

राखड़ बांध से उड़ रही राख?

दरअसल, एनटीपीसी कोरबा संयंत्र में रोज करीबन 42 हजार टन कोयला जलाया जाता है। इसमें राख निकालकर राखड़ बांध पहुंचायी जाती है। यह बांध भराव की स्थिति में है। गर्मी में राख सूख जाती है। जिसकी वजह से हवा चलने पर उड़ कर गांव में पहुंच रही है।

PREV

छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाएं, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स, नक्सल क्षेत्र समाचार और स्थानीय विकास रिपोर्ट्स पढ़ें। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर क्षेत्र की खबरों के लिए Chhattisgarh News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — सबसे विश्वसनीय राज्य कवरेज यहीं।

Recommended Stories

बस्तर ओलंपिक समापन पर अमित शाह का बड़ा बयान- 2026 तक नक्सलवाद मुक्त होगा देश
Black Magic Death: 5 लाख को 2.5 करोड़ बनाने की डील…और मिले 3 शव: कोरबा का सबसे डरावना केस