
कोरबा। श्यामराव शिर्के ने उस वक्त खूब चर्चा बटोरी थी, जब उन्होंने नाले से निकलने वाली गैस से चाय बनायी थी। तब खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी। उन्हीं श्यामराव की जमीन पर दबंगों का कब्जा है। उनका आरोप है कि फर्जी दस्तावेज बनाकर कई बार उनकी जमीन बेची भी जा चुकी है। कलेक्टर के जनता दर्शन से लेकर सीएम भूपेश बघेल से उन्होंने इस सिलसिले में शिकायतें भी की, पर कोई हल नहीं निकला। शनिवार को वह न्याय के लिए कोरबा के तानसेन चौक पर आमरण अनशन पर बैठ गए।
कोरबा में 26 वर्ग फीट जमीन पर है कब्जा
छत्तीसगढ के रायपुर के चंगोराभाठा निवासी श्यामराव शिर्के पहले कोरबा में ही रहते थे। कोरबा में ही उन्होंने वर्ष 1985 में जमीन खरीदी थी। उनका आरोप है कि पिछले नौ वर्षों से दबंगों का उनकी जमीन पर कब्जा है। चिमनी भट्ठा के पास उनकी 26 वर्ग फीट जमीन है। जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत उन्होंने पूर्व सीएम रमन सिंह और उनके मंत्रियों से भी की थी। पर कोई नतीजा नहीं निकला। मौजूदा सीएम और कोरबा के कलेक्टर से भी शिकायत कर चुके हैं। समस्या हल नहीं होने पर मजबूरन आमरण अनशन पर बैठै हैं।
अस्पताल में भी करने लगे प्रदर्शन
अफसरों को जब इस बात की जानकारी मिली तो पुलिस ने उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया। श्यामराव वहां भी वार्ड के बाहर प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना था कि वह जमीन उनकी है। जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। उसे कब्जे से मुक्त कराने के लिए वह लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। पर उसका कोई फायदा नहीं हो रहा है। वह अपने हक के लिए लड़ने से पीछे नही हटेंगे।
पुलिस के आश्वासन के बाद समाप्त किया प्रदर्शन
पुलिसकर्मियों ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब उन्होंने प्रदर्शन समाप्त किया। आपको बता दें कि शिर्के ने 11वीं तक शिक्षा ग्रहण की है। वह मैकेनिकल कॉन्ट्रेक्टर हैं। उन्होंने नाले से निकले गैस से चाय बनाकर छह माह तक लोगों को पिलायी। जब पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में उनका नाम लिया। तब श्यामराव पहली बार चर्चा में आए थे। श्यामराव के अनुसार, उनके बनाए गए उपकरण का पेटेंट हो चुका है।
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