Chhattisgarh Naxal operations: छत्तीसगढ़ में नक्सल बेल्ट पर सुरक्षा बल शिकंजा कसने में कामयाब होते दिख रहे हैं। सोमवार को एक करोड़ के इनामिया नक्सल लीडर चलपति व उसके 19 साथियों को सिक्योरिटी फोर्सेस ने ढेर कर दिया। पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ का कुख्यात बस्तर क्षेत्र अब नक्सल फ्री होता दिख रहा है, कई खूंखार माओवादी या तो गिरफ्तार हुए, मारे गए या आत्मसमर्पण करने को मजबूर हुए। 800 से अधिक नक्सलियों को बंदूक छुड़ाकर मुख्यधारा में लाया जा चुका है तो 219 नक्सली मार गिराए जा चुके हैं। इसमें कई 25 या 50 लाख के इनामिया भी शामिल थे।
पिछले साल सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियानों में 800 से ज्यादा नक्सलियों को गिरफ्तार किया। वहीं, 802 माओवादियों ने अपनी विचारधारा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला करते हुए आत्मसमर्पण किया। यह संख्या दर्शाती है कि नक्सलवाद के प्रति युवाओं और स्थानीय लोगों का मोहभंग हो रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब मुख्यधारा में लौटकर नई जिंदगी शुरू कर रहे हैं।
सुरक्षा बलों ने 219 माओवादियों को मार गिराने में सफलता पाई। इनमें से 217 माओवादी बस्तर क्षेत्र के थे। बस्तर क्षेत्र के जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव और सुकमा—में सबसे अधिक नक्सली गतिविधियां होती थीं, लेकिन अब यहां हालात बदल रहे हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा कमांडो की संयुक्त टीमों ने बस्तर क्षेत्र में गश्त और खुफिया अभियानों को तेज किया। जंगलों में चलाए गए ऑपरेशन और स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग से सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की कमर तोड़ने के प्रयास रंग ला रहे हैं। हाल के अभियानों ने यह साबित कर दिया है कि नक्सलवाद का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
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