1984 सिख दंगों का भयावह सच, क्या सभी के सामने खुलेंगे इतिहास के पन्ने?

सार

१९८४ के सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुल बंगश हत्याकांड मामले में सीएफएसएल अधिकारी की गवाही दर्ज। वीडियो फुटेज की जांच में कोई छेड़छाड़ नहीं पाई गई, क्या टाइटलर पर कसेगा शिकंजा?

नई दिल्ली(एएनआई): 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुल बंगश सिख हत्याकांड मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के उप निदेशक (फोटो डिवीजन) की गवाही दर्ज की। इस मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद जगदीश टाइटलर पर मुकदमा चल रहा है। विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) जितेंद्र सिंह ने सीएफएसएल के एस इंगरसाल (उप निदेशक, फोटो और वैज्ञानिक सहायता प्रभाग) की गवाही अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में दर्ज की। बचाव पक्ष के वकील अनिल कुमार शर्मा और अनुज शर्मा ने उनसे जिरह की।
 

गवाह ने कहा कि उन्होंने पांच वीडियो वाली एक सीडी की जांच की। जांच में सीडी में मौजूद वीडियो में कोई एडिटिंग नहीं पाई गई। वीडियो क्लिप असली पाए गए और कोई विसंगति नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि पांच वीडियो क्लिप निरंतरता में नहीं थे, हालांकि, क्लिप के सभी दृश्य बाद के क्रम में पाए गए। गवाह ने कहा कि उक्त पांच वीडियो क्लिप अपेक्षाकृत समान पाए गए और विषयों (व्यक्तियों), स्थान, पृष्ठभूमि, सेट गुणों, स्क्रीन पर दिनांक और समय टिकट की सापेक्ष स्थिति और पैटर्न और प्रकाश व्यवस्था की स्थिति के संबंध में एक सतत वीडियो फुटेज का हिस्सा पाए गए। इसके बाद उन्होंने २७ सितंबर, २०२२ को रिपोर्ट दी। 
 

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अदालत की अनुमति से, गवाह द्वारा ऑडियो और वीडियो फुटेज की पहचान के लिए सीडी को खोला गया और अदालत में चलाया गया। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख के लिए जिरह स्थगित कर दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट १ नवंबर, २०२४ को पुल बंगश इलाके में तीन सिखों की हत्या से जुड़े एक मामले में अभियोजन पक्ष के सबूत दर्ज कर रही है। (एएनआई)
 

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