ब्रह्मोस मिसाइल की सीक्रेट यूनिट UP में कहां बनी? हर साल 150 मिसाइलें बनाएगी ये फैक्ट्री, पर इसमें छिपा है भारत की अगली जंग का सबसे बड़ा प्लान! जानिए इसकी क्षमता, निर्माण, विशेषताएं और अगली पीढ़ी के ब्रह्मोस वर्जन की ताकत।
BrahMos Missile: भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई देने के लिए लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का वर्चुअल उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। यह इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे का हिस्सा है, जिसमें लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट शामिल हैं।
210
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत?
ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक, फायर एंड फॉरगेट मिसाइल है, जो भूमि, समुद्र और हवा से लॉन्च की जा सकती है। यह दिन-रात और हर मौसम में टारगेट को सटीकता से भेद सकती है। इसकी स्पीड मैक 2.8 यानी करीब 3,430 किमी प्रति घंटा है और रेंज 290-400 किमी के बीच है।
310
क्या है इस यूनिट की खासियत?
निर्माण लागत: ₹300 करोड़
जगह: यूपी सरकार द्वारा मुफ्त में दी गई 80 हेक्टेयर जमीन
नई पीढ़ी की ब्रह्मोस NG (नेक्स्ट जेनरेशन) मिसाइल पुरानी के मुकाबले काफी हल्की (1290 किग्रा) है, जिससे Su-30MKI जैसे लड़ाकू विमान एक बार में तीन मिसाइलें ले जा सकते हैं। यह भारत की हवाई क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा।
510
लखनऊ बना भारत का मिसाइल हब!
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअली उद्घाटन किया लखनऊ की ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का। यह यूनिट हर साल 150 ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण करेगी और भारत की सुरक्षा ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। यह यूनिट उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे का हिस्सा है।
610
कितनी मिसाइलें बनेगी हर साल?
लखनऊ स्थित इस नई ब्रह्मोस यूनिट में शुरुआती तौर पर 80 से 100 मिसाइलें हर साल बनाई जाएंगी। बाद में यह संख्या बढ़ाकर 150 तक की जाएगी। यह यूनिट भारत की स्ट्राइक कैपेबिलिटी को और धार देगी।
710
ब्रह्मोस NG क्या है और क्यों खास है?
नई पीढ़ी की ब्रह्मोस NG (Next Gen) मिसाइल पहले से काफी हल्की है (सिर्फ 1290 किग्रा)। अब Su-30MKI जैसे फाइटर जेट्स एक बार में 3 मिसाइलें ले जा सकेंगे। यह मिसाइल भविष्य की वॉरफेयर रणनीति को बदलने वाली तकनीक मानी जा रही है।
810
कहां और कैसे बनी यह यूनिट?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 80 हेक्टेयर ज़मीन इस यूनिट के लिए मुफ्त में दी। ₹300 करोड़ की लागत से यह यूनिट सिर्फ 3.5 साल में पूरी हुई। यहां मिसाइल असेंबली, टाइटेनियम प्लांट और डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी स्थापित किया गया है।
910
भारत-रूस की जुगलबंदी
ब्रह्मोस मिसाइल DRDO और रूस की NPO Mashinostroyenia के बीच एक संयुक्त परियोजना है। अब भारत में इसका उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाएगा, जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
1010
उत्तर प्रदेश को क्या मिलेगा फायदा?
लखनऊ की यह यूनिट सिर्फ रक्षा क्षेत्र ही नहीं, रोज़गार और निवेश के बड़े अवसर भी लाएगी। यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश को भारत के प्रमुख डिफेंस हब में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है।
दिल्ली की राजनीति, मेट्रो-ट्रैफिक अपडेट्स, प्रदूषण स्तर, प्रशासनिक फैसले और नागरिक सुविधाओं से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी पाएं। राजधानी की रियल-टाइम रिपोर्टिंग के लिए Delhi News in Hindi सेक्शन देखें — सटीक और तेज़ समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।