15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है? जानिए इस दिन के ऐतिहासिक महत्व और इस साल के खास आयोजन के बारे में।
भारतीय सेना दिवस 2025: देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले वीर सैनिकों के सम्मान में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। हर साल के भांती इस साल भी 77वां भारतीय सेना दिवस पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन परेड और आइए जानते हैं कि भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है।
साल 1949 में, जनरल के. एम. करियप्पा ने भारत के पहले सेनाध्यक्ष के रूप में अपना पद ग्रहण किया था। यह भारत के लिए ऐतिहासिक पल था क्योंकि पहली बार भारतीय सेना की कमान एक भारतीय के हाथों में आई थी। देश को ब्रिटिश से आज़ाद कराने के लिए न जाने कितने वीरों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी। इस संघर्ष में न जाने कितने मां के बेटे शहीद हुए और कितनी औरतों के सुहाग उजड़ गए थे। जनरल करियप्पा ने 15 जनवरी को भारतीय सेना की कमान संभाली, इसलिए इस दिन को हर साल भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस बार 77वें सेना दिवस समारोह का थीम "समर्थ भारत, सक्षम सेना" है। भारतीय सेना दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान पर अपनी अत्याधुनिक उपकरणों और विविध युद्ध रणनीतियों का प्रदर्शन करेगी। इसके अलावा वहां परेड, जातीय नृत्य, सैन्य अभ्यास और अन्य गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी।
पहली बार, भारतीय सेना ने एक डिजिटल सीट-बुकिंग सिस्टम की शुरुआत की है , जो सरल और सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। इसके लिए आपको iOS और Android दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम पर उपलब्ध ADP 25 ऐप के माध्यम से पंजीकरण करना होगा । पंजीकरण करने के लिए प्रतिभागियों को अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग करना होगा और ऐप में फेस स्कैन वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसे शुरु करने का उद्देश्य मार्च देखने के इच्छुक सभी लोगों को सुरक्षित और आसानी से यहां पहुंचाना है।
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