
New Delhi Railway Station Stampede: 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के चलते 18 लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे। यहां महाकुंभ मेला 2025 में जाने के लिए भारी भीड़ जुटी थी। बुधवार को इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने रेलवे से पूछा कि क्षमता से अधिक टिकट क्यों बेचे गए?
चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने भविष्य में रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ रोकने के लिए सुरक्षा उपाय करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बातें कहीं। पीठ ने कहा, "यदि आप एक कोच में बैठने वाले यात्रियों की संख्या तय करते हैं तो फिर आप इससे अधिक टिकट क्यों बेचते हैं? आपने तय सीटों से अधिक टिकट क्यों बेचे? यही तो समस्या है।"
कोर्ट ने रेलवे से पूछा, "क्या आपको पता था कि उस दिन स्टेशन पर कितने लाख लोग जुटे थे। बुनियादी ढांचे की दृष्टि से उस प्रकार की भीड़ को कंट्रोल करना संभव नहीं हो सकता। भगदड़ के बाद कदम उठाए गए। यह कोई रेल दुर्घटना नहीं है, जिस पर लापरवाही का आरोप लगाया जा सके।"
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रेलवे अधिनियम की धारा 57 का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने रेलवे को अधिकतम यात्रियों की संख्या तय करने का आदेश दिया। इसके साथ ही कहा कि प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री की जांच की जाए। कोर्ट ने कहा, "यदि आप एक साधारण सी बात को सकारात्मक ढंग से लागू करें तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है। भीड़ वाले दिनों में आप एक कोच में सवार होने वाले अधिकतम लोगों की संख्या बढ़ा सकते है। यह समय-समय पर आने वाली आवश्यकताओं पर निर्भर करता है, लेकिन कोच में आवश्यक क्षमता तय न करके, इस प्रावधान की हमेशा से उपेक्षा की गई है।"
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