
नई दिल्ली। बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार ने सोमवार 15 दिसंबर को एक बड़ा फैसला लिया। इसके तहत नर्सरी से पांचवी क्लास तक के स्टूडेंट्स को अनिवार्य रूप से वर्चुअल मोड में पढ़ाई करनी होगी। अब तक, दिल्ली सरकार ने पेरेंट्स को यह चॉइस दी थी कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या ऑनलाइन क्लास अटेंड करवाना चाहते हैं। लेकिन अब उनके पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है।
डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन ने सोमवार को जारी एक सर्कुलर में कहा, "दिल्ली में मौजूदा हाई AQI लेवल को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि दिल्ली के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और बिना सहायता प्राप्त प्राइवेट मान्यता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी से क्लास 5 तक के स्टूडेंट्स के लिए फिजिकल मोड में क्लास अगले आदेश तक बंद रहेंगी। सभी स्कूल हेड को निर्देश दिया गया है कि वे इन क्लास के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन मोड में क्लास इंश्योर करें। हालांकि, बाकी क्लास पहले जारी किए गए निर्देशों के अनुसार ही चलती रहेंगी।
सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 427 की रीडिंग के साथ 'गंभीर' कैटेगरी में रहा, जबकि रविवार को यह 461 पर था, जो दिसंबर में अब तक का दूसरा सबसे हाई AQI था। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सोमवार को शहर भर के 27 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा की क्वालिटी 'गंभीर' थी, जिसमें 12 स्टेशन 'बहुत खराब' रेंज में थे। सबसे खराब हवा 475 वजीरपुर में दर्ज की गई। बता दें कि 0 से 50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51 से 100 को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मीडियम', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब' और 401 से 500 को 'गंभीर' माना जाता है।
दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स एक बार फिर 'गंभीर' कैटेगरी में आ गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश, आंखों में जलन जैसी शिकायतें हो रही हैं। बिगड़ती स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) स्टेज 4 लागू कर दिया है, जिसके तहत सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने का निर्देश दिया गया है।
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