Delhi Blast : लाल EcoSport बनी जांच की कुंजी! उमर नबी के नेटवर्क तक पहुंचे सुराग

Published : Nov 12, 2025, 08:05 PM IST
delhi blast red ecosport car found in faridabad

सार

दिल्ली ब्लास्ट केस में नई कड़ी सामने आई है। फरीदाबाद में संदिग्ध रेड EcoSport कार मिली है, जो उमर नबी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पुलिस को शक है कि इसी कार का कनेक्शन ब्लास्ट केस से है। जांच एजेंसियां अब टेरर फंडिंग और जैश कनेक्शन की पड़ताल कर रही हैं।

दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए राज सामने आ रहे हैं। अब जांच एजेंसियों को दूसरी संदिग्ध कार का सुराग मिला है। फरीदाबाद पुलिस ने एक EcoSport कार (नंबर DL10CK0458) को खंदावली गांव के पास से बरामद किया है। ये कार उमर के नाम पर दर्ज है, जो इस गाड़ी का दूसरा मालिक था। दिलचस्प बात यह है कि i20 कार, जिसमें धमाका हुआ था, उसकी ओनरशिप में भी देवेंद्र नाम सामने आया है। अब पुलिस यह जांच रही है कि दोनों कारों से जुड़ा देवेंद्र एक ही व्यक्ति है या अलग।

उमर नबी की हरकतों पर बढ़ा शक

जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, धमाका करने से ठीक पहले उमर नबी दिल्ली के कमला मार्केट थाना क्षेत्र स्थित मस्जिद में गया था। वहां वह करीब 10 मिनट तक रुका और फिर लाल किला की ओर निकल गया। यह जानकारी मिलते ही एजेंसियों ने मस्जिद के आसपास के CCTV फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा खंगालने शुरू कर दिए हैं।

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लेडी डॉक्टर शाहीन पर बड़ा खुलासा

ब्लास्ट की जांच अब जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल की टेरर फंडिंग तक पहुंच गई है। सूत्रों का कहना है कि लेडी डॉक्टर शाहीन को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से फंडिंग की जाती थी। शाहीन, संगठन के इशारे पर वेस्टर्न यूपी में महिला विंग के लिए रिक्रूटमेंट सेंटर खोलने की कोशिश कर रही थी। जांच में यह भी सामने आया है कि शाहीन को सहारनपुर और हापुड़ जैसे जिलों में ‘मिनी रिक्रूट-कमांड सेंटर’ बनाने के लिए फंड दिया गया था। इसके लिए वह शहरों के बाहरी इलाकों में ऐसी जगह तलाश रही थी, जहां लोगों की आवाजाही कम हो।

विदेशी फंडिंग के भी मिले सबूत

जांच एजेंसियों ने शाहीन, उमर, आदिल और मुजम्मिल के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती रिपोर्ट में शाहीन के अकाउंट में विदेशी फंडिंग के लेन-देन के संकेत मिले हैं। एजेंसियों को शक है कि जकात और मदरसा फंडिंग के नाम पर आतंक फैलाने की साजिश रची जा रही थी। इसके अलावा, मौलवी इरफान अहमद के भी जैश कमांडर से संपर्क में होने के प्रमाण मिले हैं। बताया जा रहा है कि शाहीन, अजहर मसूद की बहन सहीदा अजहर के सीधे संपर्क में थी और उसी के जरिए टेरर नेटवर्क को फंड मिलता था।

जांच एजेंसियों का फोकस अब टेरर नेटवर्क की जड़ों पर

एनआईए और दिल्ली पुलिस की विशेष टीम अब फंडिंग के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और बैंक ट्रेल की जांच में जुटी है। इस पूरे मॉड्यूल का नेटवर्क यूपी, दिल्ली और हरियाणा तक फैला हुआ बताया जा रहा है।

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