11 साल बाद बेटे को सामने देख मां की सूनी आंखों से छलके खुशी के आंसू

हरियाणा पुलिस की मानव तस्करी निरोधक इकाई ने 11 साल से लापता 20 वर्षीय युवक सतबीर को उसके परिवार से मिलाया। एएसआई राजेश कुमार की टीम ने लखनऊ के बाल देखभाल संस्थान से युवक की पहचान की।

Surya Prakash Tripathi | Published : Sep 27, 2024 5:25 AM IST

चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैपिकिंग यूनिट (AHTU) ने एक अद्भुत सफलता हासिल की है, जिसमें 11 साल पहले लापता हुए युवक सतबीर उर्फ टार्जन को उसके परिवार से मिलाया गया। सतबीर, जो सितंबर 2013 में करनाल जिले से लापता हुआ था, उस समय एक बच्चा था। उसकी मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उसके बेटे के हाथ पर कुत्ते और बंदर के काटने के निशान थे, जो उसकी पहचान का एक प्रमुख हिस्सा थे।

लगातार जारी थी सतबीर की खोज

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इस मामले की जांच AHTU के सहायक उपनिरीक्षक (ASI) राजेश कुमार ने की। उन्होंने दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, मुंबई, कानपुर, शिमला और लखनऊ के बाल देखभाल संस्थानों में सतबीर के पोस्टर वितरित किए। कई वर्षों तक किसी सुराग के बिना इंतजार के बाद एक दिन लखनऊ से राजकीय देखरेख संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा हरियाणा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम से संपर्क किया गया।

लखनऊ में मिला 11 साल से लापता सतबीर

उन्होंने बताया कि यह पोस्टर उनके यहां पर रह रहे सतबीर नामक युवक से मेल खाता है। उन्होंने बताया कि यह बच्चा उनके पास मेरठ चाइल्ड केयर संस्थान से आया है। उससे पहले यह गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर लावारिस घूमता हुआ चाइल्ड लाइन को मिला था। युवक की पहचान की पुष्टि के बाद स्टेट क्राइम ब्रांच की एडिशनल पुलिस महानिदेशक ममता सिंह की उपस्थिति में सतबीर को उसकी मां और भाई से मिलाया गया।

तथ्यों की पुष्टि होने के बाद परिजनों को सौंपा गया सतबीर

इसके बाद एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने सतबीर से पूछताछ की और तथ्यों की जांच पड़ताल करते हुए उसे वापस हरियाणा लाया गया। सतबीर की उनके भाई तथा माता आदि को दिखाया गया और पूरी तरह से मामले की पुष्टि के बाद सतबीर को उसके परिजनों को सौंपा गया। 11 साल बाद सतबीर को अपने बीच पाकर परिवार के सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार ने हरियाणा पुलिस का आभार जताया।

8 महीने की लंबी जांच के बाद सतबीर की जांच हुई पूरी

पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने ASI कुमार और उनकी टीम की सराहना की, जिनके प्रयासों ने सतबीर को उसके परिवार से मिलाने में मदद की। इससे पहले मई में इसी टीम ने 8 महीने की लंबी जांच के बाद एक 29 वर्षीय युवक को उत्तर प्रदेश में उसके परिवार से मिलाने में सफलता पाई थी। ASI राजेश कुमार और उनकी टीम ने अब तक 800 से अधिक लापता व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद की है, जो उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।

हरियाणा पुलिस की कामयाबी पर लोगों ने जताया आभार

हरियाणा पुलिस की यह कामयाबी एक बार फिर से साबित करती है कि सही दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं, तो असंभव भी संभव हो सकता है। सतबीर की कहानी उन सभी परिवारों के लिए आशा की किरण है, जो अपने प्रियजनों के लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

 

 

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