
करनाल। 26 जनवरी की रात नगर निगम की फूसगढ़ स्थित गोशाला नंदी ग्राम में 45 गायों की मौत के राज से पर्दा हट गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही थी। साथ ही सीएम मनोहर लाल ने कमिश्ननर डॉ. साकेत कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। गायों की मौत के 10 दिन बाद एफएसएल रिपोर्ट भी आ गयी। उसमें गायों की मौत की वजह जहर बतायी गयी है।
गायों को मारने के लिए दिया गया जहर
जांच में संकेत मिले कि गायों के घास में जहर नहीं था, बल्कि इरादतन गायों को मारने के लिए जहर दिया गया। जिस रात गायों की मौत हुई थी, गोशाला में उस रात फोन की लोकेशन ट्रैक की गयी तो ऐसे पांच नम्बरों की जानकारी प्राप्त हुई, जो मोबाइल नम्बर गोशाला में काम करने वाले या जुड़े लोगों के नहीं थे तो पुलिस का शक और बढा। फिर पुलिस ने हडडी व खाल का कारोबार करने वालों के बीच में छिपे आरोपियों को तलाशा और पाचं आरोपियों को अरेस्ट कर लिया।
गोवंश की खाल व हडडी का कारोबार करते हैं आरोपी
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, अरेस्ट किए गए सभी आरोपी मृत गोवंश की खाल व हडडी का कारोबार करते हैं। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी में है। ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने गोवंश की कहां-कहां हत्या की है। उनके साथ इस अपराध में शामिल लोग कौन हैं।
पहले एक-दो गायों को देते थे जहर
पुलिस के अनुसार, आरोपी पहले एक या दो गायों को जहर देकर मार देते थे, पर 26 जनवरी की रात आरोपी नशे में थे। जिसकी वजह से आरोपियों ने गोशाला में 45 गायों को गुड़ में सल्फास का पाउडर मिलाकर खिला दिया। इसकी वजह से कुछ ही देर में गायों की मौत हो गयी।
गिरफ्तार किए गए ये आरोपी
पुलिस ने इस मामले का खुलासा भी कर दिया है। कुरुक्षेत्र के डेहाबस्ती निवासी विशाल, अंबाला कैंट निवासी सोनी, जम्मू कश्मीर के निवासी सूरज और करनाल की मंगल कालोनी निवासी रजत को अरेस्ट किया गया है, जबकि शाहबाद निवासी अमर फरार बताया जा रहा है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
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