
पानीपत। जिले के खुखराना गांव में लड़कों के लिए रिश्ते आना मुश्किल हो गए हैं। इस गांव में लोग अपनी लड़की की शादी नहीं करना चाहते हैं। बीते आठ-नौ वर्षों से यहां शादियां भी बहुत कम हो रही हैं। यदि शादी होती भी है तो उन लड़कों की होती है, जो सरकारी नौकरी पा चुके हैं।
क्या है वजह?
खुखराना गांव, थर्मल पावर स्टेशन के पास बसा है, पहले ग्रामीण थर्मल पावर स्टेशन से उड़ने वाली राख से परेशान थे। अब गांव से आधा किमी दूर लगे सीमेंट प्लांट से आजिज आ चुके हैं। इस प्लांट से उड़ने वाली राख से लोगों को चर्म रोग हो रहा है। हालत यह है कि गांव का शायद ही ऐसा कोई घर बचा हो, जिन्हें चर्म रोग की वजह से परेशानी न झेलनी पड़ रही हों। यही वह प्रमुख वजह है कि कोई अपनी बेटी की शादी इस गांव में नहीं करना चाहता है।
2012 में गांव को शिफ्ट करने के हुए थे आदेश
ऐसा नहीं कि ग्रामीणों को इस दिक्कत से निजात दिलाने का प्रयास नहीं हुआ। इस गांव को अन्यत्र शिफ्ट करने के आदेश साल 2012 में हुए थे। सरकार ने जगह भी दे दी, पर एक तरफ गुटबाजी के चलते गांव अब तक शिफ्ट नहीं हो सका है, दूसरी ओर उस जगह पर काम बहुत धीरे चल रहा है, जबकि गांव में सांस लेना भी दूभर सा है। ग्रामीणों का जीवन नारकीय हो गया है।
गांव का भूजल स्तर भी ऊपर
गांव की आबादी करीबन 3000 है, उनमें से 90 फीसदी लोग चर्म और सांस के रोग से ग्रस्त हैं। उधर यहां का भूजल भी काफी ऊपर है। इस वजह से जमीन के धंसने का डर भी है। बताया जा रहा है कि इसकी वजह राख है, जो थर्मल पावर स्टेशन से निकलती है और सीमेंट प्लांट में इस्तेमाल होती है। उसे झील में स्टोर किया जाता है व उसके साथ पानी भी छोड़ा जाता है। इसकी वजह से गांव का भूजल स्तर ऊपर आ गया है।
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