बेंगलुरु की व्यवसायी महिला ने आत्महत्या से पहले डीएसपी कनकलक्ष्मी पर गंभीर आरोप लगाए। 11 पन्नों के सुसाइड नोट में रिश्वत और उत्पीड़न का जिक्र। पुलिस ने मामला दर्ज किया।
बेंगलुरु। बेंगलुरु की 33 वर्षीय व्यवसायी और वकील एस जीवा ने 22 नवंबर को अपने घर में आत्महत्या कर ली। उन्होंने 11 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें बेंगलुरु की पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) कनकलक्ष्मी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
सुसाइड नोट में जीवा ने लिखा कि डीएसपी कनकलक्ष्मी ने उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। उनके कपड़े उतरवा कर नंगा कर दिया और 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। जीवा कर्नाटक भोवी विकास निगम घोटाले में एक आपूर्तिकर्ता के रूप में आरोपी थीं और हाल ही में सीआईडी के समक्ष पेश हुई थीं।
जीवा की बहन एस संगीता ने डीएसपी कनकलक्ष्मी पर उनकी बहन की मौत के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत डीएसपी कनकलक्ष्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बहन ने बताया कि उन्होंने पिछले शुक्रवार (22 नवंबर) को आत्महत्या कर ली। महिला के पास 11 पन्नों का मौत का नोट है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उसके कपड़े उतारे और 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। बेंगलुरु की पुलिस उपाधीक्षक कनकलक्ष्मी ने आत्महत्या के लिए उकसाया था,
जीवा बेंगलुरु के पेन्या इलाके में लकड़ी की सामग्री की दुकान चलाती थीं और एक प्रतिष्ठित वकील भी थीं। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सीआईडी को उनसे ऑनलाइन पूछताछ करने का निर्देश दिया था, लेकिन सीआईडी ने उन्हें शारीरिक रूप से उपस्थित होने के लिए मजबूर किया।
एफआईआर के अनुसार डीएसपी ने उनकी दुकान पर जाकर कर्मचारियों के सामने उन्हें अपमानित किया और उनके दस्तावेज़ स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जीवा के परिवार ने निष्पक्ष जांच और आरोपी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।