बेंगलुरु में 19 वर्षीय BTech स्टूडेंट आदित्य प्रभु सुसाइड केस तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक की मां द्वारा सोशल मीडिया के जरिये कॉलेज मैनेजमेंट पर उसके बेटे को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
बेंगलुरु. बेंगलुरु में 19 वर्षीय BTech स्टूडेंट आदित्य प्रभु सुसाइड केस तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक की मां द्वारा सोशल मीडिया के जरिये कॉलेज मैनेजमेंट पर उसके बेटे को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। आदित्य प्रभु ने सोमवार(17 जुलाई) को सुसाइड कर लिया था। घटना के कुछ दिनों बाद परिजनों ने सोशल मीडिया पोस्ट में कॉलेज अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
बेंगलुरु बीटेक स्टूडेंट आदित्य प्रभु सुसाइड केस क्या है?
छात्र के पिता ने बेंगलुरु की एक प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के अधिकारियों पर उनके बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि आदित्य प्रभु ने सोमवार को कॉलेज परिसर में एक इमारत की 8वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। आदित्य पर एक परीक्षा में नकल करने का आरोप लगा था। अब मृतक के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौत के लिए कॉलेज अधिकारी जिम्मेदार हैं।
बेंगलुरु बीटेक स्टूडेंट आदित्य प्रभु सुसाइड केस और मां की वायरल पोस्ट
एक यूजर ने आदित्य प्रभु की मां की बात को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है। “मैं आदित्य प्रभु की मां हूं। वह पीईएस कॉलेज, आरआर रोड परिसर का छात्र (19 वर्ष), सीएसई प्रथम वर्ष का छात्र था। 17 जुलाई को आदित्य ने कैंपस की एक बिल्डिंग की 8वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। कॉलेज ने मीडिया को बताया कि परीक्षा के दौरान आदित्य को नकल करते हुए पकड़ा गया है। उसे हिरासत में लिया गया। उसकी काउंसलिंग की गई और जब उसे बताया गया कि माता-पिता को सूचित किया जाएगा, तो उसने इमारत से छलांग लगा दी। मैं यहां कहानी का अपना पक्ष बताना चाहता हूं।"
इंस्टाग्राम पर वायरल हुई बेंगलुरु में सुसाइड करने वाले आदित्य प्रभु की मां की पोस्ट
इंस्टाग्राम पोस्ट में आदित्य की मां के हवाले से आगे लिखा गया-"मुझे 17 जुलाई को सुबह 11:45 बजे आदित्य का फोन आया। उसने मुझे बताया कि वह फोन को अपने बैग में वापस रखना भूल गया और फोन उसकी पैंट की जेब में ही रह गया...आदित्य ने यह भी बताया कि वे उसे परेशान कर रहे हैं। उसने कहा कि ऐसी चीजें करने से मर जाना बेहतर है और मुझे कॉलेज आने के लिए कहा।''
पोस्ट में आगे लिखा है कि मृतक की मां पर एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाला गया था। यूजर ने लिखा कि बयान शायद यह कुछ ऐसा था, जो इस मामले को रफा-दफा कर देता।
आदित्य को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर Justiceforadityaprabhu कैम्पेन छेड़ा गया है। इस अकाउंट के करीब 10,000 फॉलोअर्स थे। इसी तरह के मैसेज माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी शेयर किए गए थे। आदित्य मंगलुरु का मूल निवासी था और बन्नेरघट्टा रोड के पास रहता था।
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