कंटेंट क्रियेशन की बढ़ते प्रभाव ने कई रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। यानी इंटरनेट के जरिये लोगों को अपने टैलेंट और स्किल्स को स्मॉल स्केल पर भी प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर मुहैया कराया है।
बेंगलुरु. कंटेंट क्रियेशन की बढ़ते प्रभाव ने कई रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। यानी इंटरनेट के जरिये लोगों इसने लोगों को अपने टैलेंट और स्किल्स को स्मॉल स्केल पर भी प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर मुहैया कराया है। YouTube, Instagram, फेसबुक, वाट्सऐप और twitter जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये लोग अपने वर्क और बिजनेस को ऊंचाइयां भी दे रहे हैं। बेंगलुरु का एक जूस वाला इसका सशक्त उदाहरण है।
इंटरनेट टेक्निक लोगों के वर्क और बिजनेस की पब्लिसिटी में काफी मददगार साबित हुई है। इसका एक उदाहरण केशव लोहिया(@Keshav_Lohiaa) नामक एक twitter यूजर ने बेंगलुरु के एक जूस विक्रेता की कहानी शेयर की है। इसमें लिखा-कल, मैंने बेलंदूर के इस वेंडर से ताजा जूस लिया। जो बात सामने आई, वह यह थी कि उनके पास सामान्य बारकोड के साथ एक यूट्यूब चैनल (2k ग्राहकों के साथ!) था। और वह इसका प्रचार कर रहा था- मेरे चैनल पर जाएं-visit my channel! यह है पीक क्रियेटर इकोनॉमी और ओएफसी(Open-ended fund company) है। peakbengaluru
YouTube पर कुमकुम मृधा(Kumkum Mridha) के नाम से जाने जाने वाले जूस विक्रेता के चैनल पर 1.8K से अधिक ग्राहक हैं। इसके जरिये वो विभिन्न फलों के लाभों, उनके रस, नुस्खा वीडियो और घर में खाना पकाने के वीडियो के बारे में डिटेल्स पोस्ट करता है।
इस बीच, बेलंदूर के इस जूस विक्रेता की पहचान करने वाले बेंगलुरु के एक अन्य निवासी ने खुलासा किया कि विक्रेता ने उन ग्राहकों को छूट की पेशकश की, जिन्होंने उनके YouTube चैनल की मेंबरशिप ली हुई है।
इस जूस विक्रेता की प्रेरक कहानी ने कई इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया है। इसमें से एक ने विक्रेता के मर्चेंडाइजिंग के तरीके की प्रशंसा करते हुए कहा, “जिस तरह से उन्होंने अपने उत्पाद को विजुअली डिस्प्ले किया है, वह स्मार्ट विजुअल मर्चेंडाइजिंग, क्लीन सेटअप है, हाईजेनिक दिखता है और लोग यही चाहते हैं, जब वे किसी सड़क के किनारे स्टालों से रस पीने खड़े हों।
@peakbengaluru pic.twitter.com/ZnhiwVRnIn
यह भी पढ़ें
Treasure River: कहां से बहकर आ रहा नदी में सोना, पानी को छान-छानकर खजाना खोजने में जुटे लोग