बेंगलुरू में प्राइवेट बस, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी संचालकों ने किया हड़ताल का ऐलान, यातायात साधनों के लिए इस तारीख को मचेगा त्राहिमाम

हड़ताल के दिन न प्राइवेट ऑपरेटर्स अपनी गाड़ियों को चलाएंगे, न ही टूरिस्टों के लिए कोई गाड़ी चलेगी। निजी तौर पर ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चलाने वाले भी इस हड़ताल में शामिल हैं।

 

Bengaluru strike: बेंगलुरू में आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्ट की दिक्कतें आने वाली है। प्राइवेट रिक्शा, ऑटो, टैक्सी या बसों का यूज करने वाले बेंगलुरू के लोगों को 27 जुलाई को यातायात समस्या से दो चार होना पड़ेगा। प्राइवेट बस ऑपरेटर्स आदि ने अपनी समस्याओं को लेकर सामूहिक हड़ताल का ऐलान किया है। हड़ताल के दिन न प्राइवेट ऑपरेटर्स अपनी गाड़ियों को चलाएंगे, न ही टूरिस्टों के लिए कोई गाड़ी चलेगी। निजी तौर पर ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चलाने वाले भी इस हड़ताल में शामिल हैं।

20 से अधिक संगठनों ने हड़ताल में शामिल होने का किया ऐलान

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बेंगलुरू में 27 जुलाई को होने वाले प्राइवेट बस, टैक्सी, ऑटो-रिक्शा ऑपरेटर्स हड़ताल में 20 से अधिक संगठनों ने शामिल होने का ऐलान किया है। इन संगठनों के हड़ताल में शामिल होने की वजह से बेंगलुरू के निवासियों को परिवहन की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। प्राइवेट वाहनों के भरोसे ट्रेवेल करने वालों के लिए हड़ताल परेशानियों भरा होगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट बस ऑपरेटरों, पर्यटक ऑपरेटरों, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों का प्रतिनिधित्व करने वाले 20 से अधिक संगठनों ने राज्य सरकार पर अपनी शिकायतों को दूर करने के लिए दबाव बनाने के लिए सामूहिक बंद या हड़ताल का ऐलान किया है।

क्यों कर रहे प्राइवेट ऑपरेटर्स हड़ताल?

फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट प्राइवेट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के एस नटराज शर्मा ने हड़ताल का ऐलान करने वाले संगठनों के विविध मांगों के बारे में बताया कि सबसे बड़ी चिंता राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई शक्ति योजना को लेकर है। इस योजना के तहत महिलाओं को राज्य भर में यात्रा फ्री है। उन्होंने बताया कि सरकार ने जबसे महिलाओं को फ्री यात्रा का ऐलान किया है, प्राइवेट वाहनों को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है। उनकी मांग है कि प्राइवेट बसों को भी इस योजना से जोड़ा जाए।

एक महीना में 5.57 मिलियन महिलाओं ने की कर्नाटक में बस यात्रा

शक्ति योजना लक्जरी सेवाओं को छोड़कर, राज्य संचालित बसों में महिलाओं के लिए लागू है। योजना लागू होने के बाद परिवहन विभाग के अनुमान से कहीं अधिक संख्या महिला यात्रियों की रही।

11 जून को लागू होने के बाद से पहले 30 दिनों में कर्नाटक में चार राज्य-संचालित बस निगमों की बसों में 5.57 मिलियन महिला यात्रियों ने सफर किया। संख्या में यह वृद्धि दैनिक टिकट मूल्य ₹13.40 करोड़ के बराबर है, जो अधिकारियों द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं से काफी अधिक है।

ऑटो-रिक्शा चालक संघ कर रहा मुआवजा की मांग

शक्ति योजना के व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभाव से प्रभावित ऑटो-रिक्शा चालक संघ सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। ऑटो और टैक्सी चालक शहर के भीतर चलने वाली बाइक-टैक्सी पर प्रतिबंध लगाने की वकालत कर रहे हैं। 27 जुलाई को सभी संगठनों के लोग एकजुट होकर क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना रेलवे स्टेशन से शुरू होकर फ्रीडम पार्क तक विरोध मार्च निकालेंगे।

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