आंगन में बड़ी बहन के साथ खेल रही थी ये 11 साल की बच्ची, अचानक यूं लगा जैसे मिसाइल अटैक हुआ हो

घर के सामने आंगन में खेलते समय एक बच्ची की आकाशीय बिजली गिरने( lightning strike) से दर्दनाक मौत हो गई। घटना प्रोगोटी नगर के बायलेन 5 की है। बच्ची की पहचान ममता बेगम उर्फ धुनु के रूप में हुई है। वह 11 साल की थी।

प्रोगोती( Progoti Nagar).घर के सामने आंगन में खेलते समय एक बच्ची की आकाशीय बिजली गिरने( lightning strike) से दर्दनाक मौत हो गई। घटना प्रोगोटी नगर के बायलेन 5 की है। बच्ची की पहचान ममता बेगम उर्फ धुनु के रूप में हुई है। वह 11 साल की थी।

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परिजनों के अनुसार घटना के वक्त ममता अपनी बहन के साथ खेल रही थी। उसके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और घटना के समय काम पर गए हुए थे। बाद में ममता को अस्पताल लाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी (ASDMA) ने मामले की पुष्टि की है। पूरे राज्य में आंधी और बारिश का कहर देखने को मिला है। ऐसा ही एक और मामला असम के मंगलदई इलाके में हुआ। मंगलदई राजस्व सर्किल के अंतर्गत ग्राम खरपोरी निवासी 61 साल के मजूरुद्दीन की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई।

बोंगईगांव में दो स्टूडेंट्स की मौत

इस मामले के अलावा असम में ही बोंगईगांव जिले के अभयपुरी शहर में बिजली गिरने से कॉलेज के दो छात्रों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान द्विपज्योति रॉय और जिंटू कुमार राय के रूप में हुई है। खबरों के मुताबिक, दोनों बाजार जा रहे थे, तभी राजबाड़ी में बिजली गिरी। बाद में स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया और सरकारी अस्पताल ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

मौसम विभाग के अनुमान के हिसाब से आकाश में रोज 44,000 बार बिजली कड़कती है। हालांकि हर बार यह घातक नहीं होती। आकाश से यह बिजली 22,400 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार से गिरती है। जब बादल आसमान में काफी ऊंचाई पर मौजूद होते हैं, तब वहां तापमान बहुत कम होता है। इसी बीच बादलों में आधे जमे पानी के कणों में पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज पैदा हो जाता है। जब कण आपस में टकराते हैं, तो चिंगारी पैदा होती है। यह बिजली कड़कना कहलाता है। आसमान में हर सेकंड 2000 बार तक गर्जना पैदा होती है। क्लिक करके पढ़ें ये खबर

जिस समय बादलों में बिजली बन रही होती है उसी वक्त जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज भी बदलता है। जमीन पर मौजूद पेड़ों, घरों और अन्य वस्तुओं का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है। वहीं, उसका निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज होता है। ऊंचे पेड़, घर या किसी और ऊंची चीज से बिजली की एक लहर बादल की ओर उठती है। इसे स्ट्रीमर कहा जाता है। उसी वक्त बादल से निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर अट्रैक्ट होता है और बिजली गिरती है। क्लिक करके पढ़ें ये खबर

1.आसमान में बादल हों और आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो इसे बिजली गिरने की चेतावनी समझना चाहिए

2.हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लेना चाहिए

3.दोनों पैरों को आपस में सटा लेना चाहिए और दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लेना चाहिए। इस दौरान यह ध्यान रखना चाहिए कि सिर जमीन से नहीं सटे

4. जमीन पर लेटना नहीं चाहिए। बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहना चाहिए। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहना चाहिए। पेड़ के नीचे खड़ा नहीं होना चाहिए।

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